देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया
गया संदेश
श्रोताओ, रविवार 22 अगस्त को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कास्तेल गोंदोल्फो स्थित प्रेरितिक
प्रासाद के प्रांगण में देश विदेश से आये तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश
प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा- अतिप्रिय
भाईयो और बहनो, मरिया के सशरीर स्वर्ग में उठा लिये जाने का समारोही पर्व मनाने
के आठ दिन बाद पूजन धर्मविधि हमें धन्य कुँवारी माता मरियम को महारानी की उपाधि दिये
जाने के लिए उनकी वंदना करने के लिए आमंत्रित करती है। ख्रीस्त की माता को उनके पुत्र
द्वारा मुकुट दिये जाने पर चिंतन किया जाता है अर्थात जो उनके सार्वभौमिक राजत्व से जुड़ा
है जिसे असंख्य मोसाइक और पेंटिंग्स में दर्शाया गया है। यह समारोह भी इस वर्ष रविवार
के दिन पड़ रहा है। यह ईशवचन तथा साप्ताहिक पास्का समारोह से और अधिक प्रकाश प्राप्त
करता है। विशेष रूप से महारानी के रूप में कुँवारी मरियम की छवि का आज के सुसमाचार
पाठ में अर्थपूर्ण संपुष्टि है जहाँ येसु कहते हैं- देखो, कुछ जो पिछले हैं अगले हो जायेंगे
और कुछ जो अगले हैं पिछले हो जायेंगे। यह ख्रीस्त की विशिष्ट अभिव्यक्ति है जिसके
बारे में सुसमाचार लेखकों ने अनेक बार कहा है यहाँ तक कि एक समान फार्मूला हैं- क्योंकि
यह प्रत्यक्ष रूप से एक शीर्षक को प्रतिबिम्बित करता है जो उनके नबूवती प्रवचन देने को
प्रिय है। ऐसे सुसमाचारीय सत्य का मरियम पूर्ण उदाहरण हैं अर्थात ईश्वर इस दुनिया के
शक्तिशाली और घमंडी लोगों को उनके आसनों से गिरा देते हैं और दीनों को महान बना देते
हैं। नाजरेथ की सरल, साधारण युवती संसार की रानी बन गयी है। यह महान आश्चर्य़ में से
एक है जो ईश्वर के दिल को प्रकट करता है। स्वाभाविक रूप से मरियम का प्रताप ख्रीस्त पर
पूर्ण रूप से आश्रित है – वे प्रभु हैं, जिन्हें, क्रूस पर अपमानजनक मृत्यु के बाद, पिता
ने महान बनाया और उनका नाम सुनकर आकाश़, पृथ्वी और अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें।
कृपा की योजना के माध्यम से निष्कलंक माँ पूर्ण रूप से अपने पुत्र के रहस्य से जुड़ी
थीं- उनका देहधारण, उनका सांसारिक जीवन, शुरू में नाजरेथ के अज्ञात वर्ष तथा बाद में
प्रदर्शित मसीही रहस्य, उनके दुःखभोग और मृत्यु तथा अंत में उनका पुनरूत्थान और स्वर्गारोहण।
माँ ने अपने पुत्र के साथ न केवल इस रहस्य के मानवीय पहलूओं को बांटा लेकिन इसके
गहरे मनोरथ को, दिव्य इच्छा को शेयर किया इस तरह से कि उनका सम्पूर्ण अस्तित्व, निर्धन
और विनम्र है, संकरे दरवाजे जो स्वयं येसु ख्रीस्त हैं, से पार होते हुए ऊपर उठाया, पूर्ण
परिवर्तित तथा महिमान्वित किया गया। हाँ, मरिया प्रथम व्यक्ति थीं जो ईश्वर के राज्य
में प्रवेश करने के लिए येसु द्वारा खोले गये संकरे मार्ग में चलीं। यह मार्ग दीनों के
लिए उपलब्ध है जो लोग स्वयं को ईश्वर के वचन के लिए सौंप देते हैं तथा इसे दैनिक व्यवहार
में लागू कर जीवन जीने का प्रयास करते हैं। ख्रीस्तीय संदेश से सुसमाचार पानेवाले
लोगों और शहरों के इतिहास में कुँवारी मरियम के प्रताप की सार्वजनिक आराधना के असंख्य
साक्ष्य हैं। कुछ मामलों में यहाँ तक कि संस्थागत रूप में भी विद्यामान हैं। लेकिन आज
हम सबसे पहले चाहते हैं कि सब लोग नवीकृत हों कि कलीसिया की संतान के रूप में अपनी भक्ति
उन्हें दें जिन्हें येसु ने माँ और महारानी के रूप में हमारे लिए छोड़ा। आइये हम
शांति के लिए अपनी नित्य प्रार्थना को उनकी मध्यस्थता के सिपु्र्द करें, विशेष रूप से
उन स्थानों को जहाँ हिंसा की बेतुकी तर्क का राज चलता है ताकि सबलोग यह मानें कि इस दुनिया
में हम प्रेम की सभ्यता की रचना करने के लिए एक दूसरे को भाई के समान सहायता करें। मरिया
शांति की महारानी हमारे लिए प्रार्थना कर। इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत प्रार्थना
का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।