तिरुवनन्थापुरमः भारतीय काथलिक महाधर्माध्यक्ष ने शांति सम्मेलन बुलाया
केरल के सिरोमंलकार चर्च के धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष बासेलियुस मार क्लेमिस ने केरल
राज्य में शांति और सदभाव को प्रोत्साहित करने के लिये, 31 जुलाई को, हिन्दु, मुसलिम
और ख्रीस्तीय नेताओं के साथ एक अन्तरधार्मिक शांति सम्मेलन का नेतृत्व किया। हाल
में मुसलमान रूढ़िवादियों द्वारा इस्लाम धर्म के अपमान के आरोपी केरल के काथलिक प्राध्यापक
टी.जे. जोसफ के हाथ काट दिये थे। इसी के प्रत्युत्तर में महाधर्माध्यक्ष ने उक्त सम्मेलन
का आयोजन किया था ताकि पूर्वधारणाओं को दूर किया जा सके तथा सभी के बीच शांति एवं सम्भाव
को प्रोसाहित किया जा सके। महाधर्माध्यक्ष क्लेमिस ने ऊका समाचार से कहा, "लोगों
के बीच मैत्री एवं आपसी सम्मान को कायम रखना हमारा कर्त्तव्य है। इसीलिये हमने इस सम्मेलन
का आयोजन किया।" तिरुवनन्थापुरम में 31 जुलाई को सम्पन्न उक्त सम्मेलन के बाद जारी
वकतव्य में सभी धर्मों के नेताओं से अपील की गई कि लोगों के बीच विभाजन उत्पन्न करनेवाली
शक्तियों के विरुद्ध वे संघर्ष करें। वकतव्य में कहा गया, "कोई भी धर्म साम्प्रदायिक
घृणा का पाठ नहीं सिखाता, किन्तु प्राध्यापक पर आक्रमण ने साम्प्रदायिक अलगाव को जन्म
दे दिया है जबकि एकल घटनाओं के आधार पर किसी भी समुदाय को अलग नहीं किया जाना चाहिये।"
प्राध्यापक पर आक्रमण को महाधर्माध्यक्ष क्लेमिस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा
कि इससे यह प्रमाणित हो गया है कि राज्य में बुराई की शक्तियाँ सक्रिय हैं जो विभाजन
एवं घृणा फैलाने का प्रयास कर रही हैं। केरल के मुसलमान नेता ईमाम मौलवी जमालुद्दीन
ने कहा, "शांति हेतु की गई यह पहल सराहनीय है।" उन्होंने कहा, "हम एक साथ मिलकर यह कहना
चाहते हैं कि हम इस प्रकार के क्रूर एवं हिंसक कृत्यों की निन्दा करते हैं जो इस्लाम
धर्म की आध्यामिकता के विरुद्ध हैं।"