2010-08-03 12:19:50

उड़ीसाः 2008 की हिंसा में बलात्कार की शिकार बनी धर्मबहन ने एक और अपराधी को पहचाना


उड़ीसा के कान्धामाल ज़िले में सन् 2008 में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हुई हिंसा के दौरान बलात्कार की शिकार बनी काथलिक धर्मबहन सि. मीना ने 31 जुलाई को, बलात्कार के 10 आरोपियों में से, एक और आरोपी की पहचान कर ली।
31 जुलाई को चौथे आरोपी की पहचान से पूर्व सि. मीना 5 जनवरी 2009 तथा 23 जून 2010 को बलात्कार के तीन अन्य आरोपियों की पहचान कर चुकी हैं।
स्मरण रहे कि सन् 2008 में एक हिन्दू चरमपंथी नेता की हत्या का आरोप ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों पर मढ़कर हिन्दू चरमपंथियों ने उनपर आक्रमण आरम्भ कर दिया था जिसमें लगभग एक सौ ख्रीस्तीयों के प्राण चले गये, कई मकानों एवं गिरजाघरों को आग के हवाले कर दिया गया तथा हज़ारों ख्रीस्तीय बेघर, विस्थापित एवं शरणार्थी बनने के लिये बाध्य हो गये।
हिंसा के आरम्भिक चरण में नुआगाँव के प्रेरितिक केन्द्र में सेवारत सि. मीना एवं काथलिक पुरोहित फादर थॉमस चेलन को अत्यधिक उत्पीड़ित किया गया। इसी दौरान दस चरमपंथियों ने सि. मीना का शील हरण किया था।
कटक भूबनेश्वर महाधर्मप्रान्त की ओर से जाँचपड़ताल के अधिकारी फादर दिबाकर परिच्छा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए आशा व्यक्त की कि इससे जाँचपड़ताल प्रकिया को गति मिलेगी तथा सि. मीना को न्याय एवं अपराधियों को न्यायोचित दण्ड मिल सकेगा।








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