कलीसिया में पोप की भूमिका पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का चिंतन
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि ईश्वर की सहायता के बिना कोई भी व्यक्ति कलीसिया
का नेतृत्व नहीं कर सकता है। विगत पाँच वर्षों में अपने परमाध्यक्षीय काल के महत्वपूर्ण
पलों और कलीसिया के जीवन पर बनी फिल्म को देखने के बाद संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने
कहा कि कलीसिया युवा और विविधता से पूर्ण है तथा संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी की भूमिका
कलीसिया की एकता को मजबूत और दृश्यमान बनाना है। बवेरियन पब्लिक ब्रोडकास्टिंग कम्पनी
बायरिस्कर रूंडफूंक द्वारा "पाँच बर्ष - संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें" शीर्षक से निर्मित
फिल्म का प्रदर्शन गुरूवार संध्या कास्तेल गोंदोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद के स्विस
सभागार में किया गया। फिल्म के निदेशक मिखायल मांदलिक हैं तथा कार्य़कारी निदेशक गेरहार्ड
फुक्स हैं। संत पापा ने फिल्म देखने के बाद दिये गये संबोधन में फिल्म के निर्मातों
की सराहना करते हुए कहा कि यह असाधारण आध्यात्मिक यात्रा थी जो यह संभावना देती है कि
उनके निर्वाचन के बाद के प्रेरितिक कार्यों और कलीसिया के जीवन के सबसे प्रमुख पलों को
फिर से देखा और अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निजी रूप से उनके लिए वह पल
देखना बहुत भावपूर्ण था जब ईश्वर ने प्रेरित संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी की प्रेरिताई
को मेरे कंधों पर डाला, ऐसा भार जिसे कोई व्यक्ति केवल अपनी शक्ति के बल पर ढो नहीं सकता
है लेकिन इसलिए ढो सकता है क्योंकि प्रभु हमें और मुझे ढोते हैं। संत पापा ने कहा
कि यह फिल्म कलीसियाई जीवन की समृद्धि, संस्कृतियों की विविधता, करिश्मों तथा विभिन्न
वरदानों को अपनी विविधता और बहुलता में कलीसिया कैसे जीती है इसपर प्रकाश डालती है। एक
व्यक्ति इस फिल्म के द्वारा संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के मिशन को देख सकता है जो कलीसिया
की ऐतिहासिक एकता और ठोस विविधता को व्यक्त करना, दृश्यमान बनाना तथा इस एकता को वर्तमान,
अतीत और भविष्य के लिए व्यक्त करना है।