बाइबिल पठन करते समय उर्दू शब्दों के सही उच्चारण को प्रोत्साहन
पाकिस्तान के ईसाईयों को ईशशास्त्री उर्दू बाइबिल के शब्दों का सही उच्चारण करने के लिए
प्रोत्साहन दे रहे है क्योंकि गलत उच्चारण करने से श्रोता पाठ की व्य़ाख्या अन्य अर्थ
में कर सकता है। सन 1990 में पहला उर्दू बाइबिल शब्दकोश प्रकाशित करनेवाले प्रतिष्ठित
ईशशास्त्री युनास अमीर ने कहा कि उर्दू शब्दों के उच्चारण और शब्दावलियों को यूँ ही छोड़
दिया गया है तथा 90 प्रतिशत पुरोहित और मेषपालीय अधिकारी गलत उच्चारण करते हैं।
काथलिक
बाइबिल कमीशन औफ पाकिस्तान द्वारा कराँची स्थित नोर्त दाम इंस्टीच्यूट औफ एजुकेशन में
24 और 25 जुलाई को कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 150 काथलिक धर्मशिक्षक,
संडे स्कूल टीचर तथा अन्य शामिल हुए। कार्यशाला के वक्ताओं ने आगाह किया कि उर्दू शब्दों
के अशुद्ध उच्चारण से बाइबिल उद्धरण का अर्थ बदल जाता है। ईशशास्त्री अमीर ने कहा कि
हमें ईश वचन की पवित्रता को बनाये रखना है। कराँची महाधर्मप्रांत में बाइबिल पठन को बढ़ावा
देने की कड़ी में कार्यशालाओं का आयोजन पहला काम है। पाकिस्तान की काथलिक बाइबिल समिति
इस प्रकार के कार्यशालाओं का आयोजन देश के 6 धर्मतो और भिकारियेटों में प्रतिवर्ष 2 बार
करना चाहती है।