2010-07-27 17:53:17

वर्ष 2010 के प्रथम छह महीनो में लगभग 1.6 मिलियन तीर्थयात्रियों ने होली लैंड का दौरा किया


(रोम जेनिथ) होली लैंड अर्थात पवित्र भूमि में पवित्र स्थलों के प्रभारी फ्रांसिस्कन पुरोहित पियेरबातिस्ता पित्जाबाला ने वाटिकन रेडियो से कहा कि अनेक कारकों के कारण वर्ष 2010 के प्रथम छह महीनो में लगभग 1.6 मिलियन पर्यटकों और तीर्थयात्रियों ने पवित्र भूमि का दौरा किया जो वर्ष 2009 में आये पर्यटकों की संख्या की अपेक्षा 39 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने का कारण धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों, धर्मप्रांतों और पल्ली पुरोहितों की महान गतिविधियों को जाता है। पवित्र भूमि आनेवाले तीर्थयात्री मुख्यतः अमरीका, रूस , फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी तथा इटली से आये।

फादर पित्जाबाला ने कहा कि अनेक पुरोहितों और धर्मसमाजियों ने गहन अभियान चलाया तथा पर्यटन एजेंसियों ने भी यात्रा के लिए आकर्षक पैकेज उपलब्ध कराये। इन सब कारकों ने होली लैंड की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों में रूचि को पुनः जगाया है जिसमें न केवल यूरोप का भाग लेकिन एशिया की भी भूमिका रही है। हाल के वर्षों में होली लैंड आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी होने के कारण होली लैंड में रह रहे परिवारों के सामने आर्थिक संकट विद्यमान हो गये थे लेकिन अब तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होने से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नयी गति मिली है। नये नये होटल बनाये जा रहे हैं। लोगों की जीविका स्थिर गति से आगे बढ़ रही है तथा क्षेत्र में सामान्य तौर पर स्थापित शांति के माहौल ने भी और अधिक संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया है। फिलीस्तीनी क्षेत्रों में हिंसा नहीं है। विगत महीनों में यहाँ कि परिस्थिति पर मीडिया के प्रभाव के बारे में फादर पित्जाबाला ने कहा कि नकारात्मक समाचारों को लेकर होलीलैंड के बारे में कम ही चर्चा रही है।

मई 2009 में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें की पवित्र भूमि की तीर्थायात्रा ने भी पूरे क्षेत्र के बारे में सकारात्मक दर्शन को प्रस्तुत किया। संत पापा ने अपने संदेश में विश्व की सब कलीसियाओं से आह्वान किया था कि वे पवित्र भूमि की तीर्थयात्रा करें। फादर पित्साबाला ने कहा कि जब लोग काम करते हैं, परिवार शांति की स्थिति में जीवन जीते हैं तब ऐसा माहौल बनता है जो भविष्य में शांति की संस्कृति और मानसिकता की रचना करने के लिए जरूरी है।








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