मरिया रेबेल्लो ने संतोष फुटबॉल प्रतियोगिता में रेफरी किया
कोलकाता, 26 जुलाई, 2010 (उकान) गोवा के कुरतोरिम पल्ली के संत अलेक्स पल्ली की मरिया
रेबल्लो ने रविवार 25 जुलाई को कोलकाता में आयोजित ख़्याति प्राप्त संतोष ट्रॉफी के राष्ट्रीय
फुटबॉल प्रतियोगिता में रेफरी या खेलपंच का कार्य किया जिसे लोगों ने बहुत सराहा। 38
वर्षीय गोवा की काथलिक महिला ने अपनी ज़िम्मेदारी के बारे में बताया कि उन्हें रेफरी
करते समय खिलाड़ियों से मानसिक दबाव तो नहीं था। उन्हें इस बात के लिये कुछ मानसिक दबाव
अवश्य था कि एशियन फुटबॉल फेडेरेशन के सदस्य उसकी रेफरी क्षमता को देखने के लिये कुवालालम्पुर
से हवाईयात्रा कर गोवा पहुँचे थे। विदित हो कि गोवा की मरिया रेबोलो ने नब्बे के
दशक में भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का बार प्रतिनिधित्व किया था और 6 बार भारत के
लिये एक मिडफील्डर के रूप में योगदान दिया। फीफा ने उन्हें रेफरी करने की मान्यता प्रदान
की है। उन्होंने उकान को बताया कि एएफसी की टीम ने चाहती है कि वह एशिया के एलिट फुटबॉल
रेफरियों के दल में शामिल करे ताकि वे एशियाई मैचों में रेफरी कर सकें। इस पैनल में
पूरे एशिया में सिर्फ 100 रेफरी हैं। रेबेलो ने बताया कि एएफसी के अधिकारी उसकी खेलपंच
बनने की क्षमता से प्रभावित हुए हैँ विशेषकरके उनकी निर्णय क्षमता और जिस तरह से उन्होंने
निर्णय की प्रक्रियाओं का संचालन किया। उन्होंने उकान को बताया कि वे खुद भी अपने
कार्यों से संतुष्ट हैं पर कई क्षेत्रों में उन्हें और सीखने की आवश्यता है। गोवा
राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा एजिल्दा सपेको ने मरिया रेबेल्लो की सराहना करते हुए बताया
कि आज तक पुरुषों की प्रतियोगिता के लिये पुरुष ही रेफरी हुआ करते थे पर मरिया ने एक
नये युग की शुरुआत की है। गोवा फुटबॉल संघ के सचिव सावियो मेसायस ने कहा कि मरिया
एएफसी की गोवा की पहली सदस्य बन सकती है और युवा फुटबॉल खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा का
श्रोत।