2010-07-24 12:57:25

‘जीज़स ऑफ नाज़रेथ’ का तीसरा भाग शीघ्र


वाटिकन सिटी, 24 जुलाई, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अपनी प्रसिद्ध किताब जीज़स ऑफ नाज़रेथ का तीसरे भाग को पूरा करने का बीड़ा उठाया है।
उक्त बात की जानकारी वाटिकन के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबारदी ने उस समय दी जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न  के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ संत पापा के किताब की चर्चा की।
फादर लोमबारदी ने कहा पोप अपनी किताब के तीसरे भाग में येसु के  बचपन के बारे में अपने चिन्तन प्रस्तुत करेंगे। फादर लोमबारदी ने कहा कि कुछ महीनों पहले संत पापा ने अपनी किताब के दूसरे भाग की प्रति जमा की थी  जिसमें उन्होंने येसु के दुःख और पुनरुत्थान के बारे में अपने चिन्तन व्यक्त किये थे।
संत पापा की पुस्तक को पहले ही कई भाषाओं में उपलब्ध करा दिया गया है।  और अब संत पापा ने अपनी कृति के तीसरे भाग को प्रकाशित करने के लिये कार्य करना शुरु कर दिया है।
 फादर लोमबारदी ने कहा कि जिन लोगों ने संत पापा से विगत सप्ताह कास्तेल गंदोल्फो में मुलाक़ात की उनका मानना है कि पोप अपने ग्रीष्मकालीन आराम के दौरान तरोताजा और स्वस्थ लगे।
उन्होंने अवकाश के समय का सदुपयोग करते हुए अपना समय पठन व अध्ययन लगाना आरंभ कर दिया है। संत पापा ने जिस तरह से अपने समय का सदुपयोग करना आरंभ किया है इससे एक बात तो स्पष्ट है कि वे अपने समय का सदुपयोग करने और अपने योजनाओं को पूरा करने के लिये पूरी तरह से समर्पित हैँ।
विदित हो कि संत पापा ने अपनी पुस्तक ‘जीज़स ऑफ नाज़रेथ’ के पहले भाग को सन् 2006 में समाप्त किया था जिसकी शुरुआत उन्होंने सन् 2004 के ग्रीष्मकालीन अवकाश में किया था।
वाटिकन प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है कि जब रोम में ‘ईशवचन’ पर धर्माध्यक्षों की सभा का आयोजन हुआ था तब  प्रतिभागियों ने इस बात पर बल दिया था कि संत पापा की किताब ‘जीज़स ऑफ नाज़रेथ’ को  धर्मग्रंथ के ईशशास्रीय और आध्यात्मिक किताब के आदर्श के रूप में पढ़ा जाना चाहिये।
उनका मानना है कि जब ऐसा करने से संत पापा की किताबें सुसमाचारों के द्वारा येसु के व्यक्तित्व को जानने और उनका व्यक्तिगत अनुभव  करने में मददगार सिद्ध होगा।

























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