लन्दनः ब्रिटेन का सरकार ने सन्त पापा का विरोध करनेवाली ऑनलाईन याचिका को हटाया
ब्रिटेन की सरकार ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की, सितम्बर 16 से सितम्बर 19 तक, इंगलैण्ड
एवं स्कॉटलैण्ड प्रेरितिक यात्रा का विरोध करनेवाली ऑनलाईन याचिका को हटा दिया है। याचिका
में ब्रिटेन के प्रधान मंत्री से आग्रह किया गया था कि वे सन्त पापा के "असहिष्णु विचारों"
को समर्थन न दें तथा आर्थिक तौर पर उक्त प्रेरितिक यात्रा पर खर्च न करें। याचिका
पर 12,300 लोग हस्ताक्षर कर चुके थे। याचिका का प्रारूप तैयार करनेवाले, समलिंगकामियों
के अधिकारों के लिये संघर्षरत पीटर ताचेल ने 16 जुलाई को बताया कि सरकार ने याचिका को
उसके निर्धारित समय से तीन माहों पूर्व ही हटा दिया है तथा अप्रैल माह से ही उसने याचिका
पर हस्ताक्षर लेना बन्द कर दिया था। एक वकतव्य जारी कर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि
सरकार को भय था कि याचिका सन्त पापा की यात्रा के विरुद्ध लोगों का रोष भड़कायेगी। "प्रॉटेस्ट
द पोप" नामक उक्त ऑनलाईन याचिका में महिलाओं के अधिकारों, समलैंगिकों के समता अधिकारों,
भ्रूणीय स्टेम सैल अनुसन्धान तथा एच.आई.वी. निवारण हेतु कॉनडोम टोपियों के उपयोग के विरुद्ध
सन्त पापा के विचारों को असहिष्णु बताकर उनकी आगामी प्रेरितिक यात्रा का विरोध किया गया
था। इसके प्रत्युत्तर में, प्रधान मंत्री की वेबसाईट पर सरकार ने स्पष्ट किया कि
वह राज्य से सम्बन्धित यात्रा का ही खर्च उठायेगी जबकि प्रेरितिक समारोहों का खर्चा ब्रिटेन
की काथलिक कलीसिया द्वारा उठाया जायेगा। सरकारी वकतव्य में कहा गया, "यद्यपि कुछेक प्रश्नों
पर सरकार काथलिक कलीसिया के विचारों से सहमत नहीं है तथापि हमारा विश्वास है कि सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा, सामान्य लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु परमधर्मपीठ के साथ
हमारे रिश्तों को मज़बूत करने का सुअवसर सिद्ध होगी और साथ ही उन प्रश्नों पर विचार विमर्श
का मौका देगी जिनपर हमारे विचार मेल नहीं खाते हैं।" इस बीच, "प्रॉटेस्ट द पोप"
नामक संगठन सन्त पापा की प्रेरितिक यात्रा के दौरान प्रदर्शन की योजना बना रहा है।