2010-07-20 12:55:00

ब्रसल्सः यूरोप में निर्धनता बढ़ी, वाटिकन की चेतावनी


ब्रसल्स में सम्पन्न यूरोपीय संघ के धार्मिक नेताओं की एक दिवसीय बैठक में वाटिकन ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि यूरोप में सामाजिक असमानता एवं बेरोज़गारी आदि से संलग्न समस्याएं निरन्तर बढ़ती जा रही हैं।
उक्त बैठक में यूरोपीय संघीय आयोग, यूरोपीय संसद एवं यूरोपीय समिति के अध्यक्षों सहित 24 काथलिक एवं प्रॉटेस्टेण्ट धर्माध्यक्षों, यहूदी धर्म के रब्बियों, इस्लाम के मुफ्तियों तथा सिक्ख एवं हिन्दु धर्म के नेताओं ने भाग लिया।
वाटिकन स्थित न्याय एवं शांति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति की उपाध्यक्ष फ्लामिनिया जोवानेल्ली ने प्रतिभागियों को सम्बोधित कर कहा कि यूरोप के अमीरों एवं ग़रीबों के बीच अन्तर गहराता जा रहा है तथा बेरोज़गारी चिन्ताजनक गति से बढ़ रही है।
वाटिकन की प्रतिनिधि जोवानेल्ली के अनुसार यूरोपीय संघ में साढ़े आठ करोड़ लोग यानि 17 प्रतिशत जनता, आर्थिक संकट के सन्दर्भ में, निर्धनता रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। इसकी कारण उन्होंने मूल्यों का ह्रास बताया। उन्होंने कहा कि आठ प्रतिशत यूरोपीय श्रमिकों को उपयुक्त वेतन नहीं मिलता जिसके कारण वे एवं उनके परिवार प्रतिष्ठापूर्ण जीवन यापन नहीं कर पाते।
इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि काथलिक कलीसिया निर्धनों की पक्षधर है तथा उनकी सहायता हेतु आरम्भ हर पहल को समर्थन देने के लिये कृतसंकल्प है।
इस बीच, बैठक में ब्राटिलावा के काथलिक महाधर्माध्यक्ष स्वोलेन्स्की ने ठोस एकात्मता एवं उदारता का आह्वान किया तथा यूरोपीय राजनीतिज्ञों से आग्रह किया कि वे केवल पारिवारिक नीतियों को ही प्रोत्साहित न करें अपितु सामाजिक नीतियों को समर्थन एवं प्रोत्साहन दें जिनके प्रमुख लक्ष्य परिवार ही हुआ करते हैं।








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