47 सालों तक भारत की सेवा के बाद देश छोड़ने का आदेश
नई दिल्ली, 12 जुलाई, 2010 (उकान) कश्मीर में सन् 1963 से कार्यरत फादर जिम बोर्स्ट को
भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। उकान समाचार ने बताया कि जम्मु-कश्मीर के फोरेन
रेजिस्ट्रेशन अधिकारी ने डच फादर जिम को सूचित किया कि उन्हें जुलाई माह के अंत तक देश
छोड़ देने का आदेश है। विदित हो कि फादर जिम कश्मीर के पुलवामा में ‘गुड शेपड’ नामक
स्कूल चलाते थे। कट्टरवादी मुसलमानों ने इस स्कूल में सन् 2003 में दो बार हमले किये
थे। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि विगत कुछ दिनों से स्थानीय मुसलमानों ने फादर जिम
के ख़िलाफ एक अभियान छेड़ रखा था। यह भी बताया गया कि जो मुसलमान पुलवामा के पड़ोस
में स्कूल चलाते हैं वे मिशन स्कूल की की तरह अपेक्षित रिजल्ट नहीं ला पाते हैं। उन्होंने
फादर पर झूठा आरोप लगाया है कि फादर जिम गुड शेपड स्कूल के बहाने मुसलमानों का धर्मांतरण
करने का प्रयास कर रहे हैं। विदित हो कि फादर जिम मिल हिल मिशनरी समाज के सदस्य है।
इस धर्मसमाज ने सन् 1891 ईस्वी से ही जम्मु और कश्मीर में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र
में अद्वितीय भूमिका अदा की है। फादर जिम बोर्स्ट ने अपने 47 सालों में शिक्षा के
क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिये हैं। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल बारामूला और बर्न
हॉल स्कूल श्रीनगर में प्रधानाध्यापक के रूप में अपनी सेवायें दीं। यह भी विदित हो
कि जम्मु और कश्मीर में ईसाइयों की जनसंख्या राज्य की जनसंख्या का एक प्रतिशत से भी कम
है। पूरा राज्य ईसाई मिशनरियों की शिक्षा के क्षेत्र में योगदान की तारीफ़ करता है। यह
भी विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और उनका पुत्र वर्तमान मुख्यमंत्री
ओमार अब्दुल्ला की शिक्षा-दीक्षा ईसाई मिशनरी स्कूलों में ही हुई है।