संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका में अपना दफ्तर बंद किया
कोलंबो, 10 जुलाई, 2010 (बीबीसी)। संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका में अपना दफ्तर बंद कर
दिया है और अपने प्रतिनिधि को न्यूयार्क तलब किया है। संयुक्त राष्ट्र ने यह कदम तमिल
विद्रोहियों के खिलाफ जंग के दौरान कथित युद्धअपराधों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा कराई
जा रही जांच के विरोध में प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन जारी रहने के बाद उठाया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस मसले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि श्रीलंकाई
अधिकारी अपने यहां संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में व्यवधान रोक पाने में असमर्थ रहे।
इससे पहले युद्धअपराधों की जांच के मसले पर संयुक्त राष्ट्र का विरोध करते हुए
श्रीलंका के आवास मंत्री विमल वीरावंसा ने गुरुवार को यूएन दफ्तर के समक्ष आमरण अनशन
शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक बान
अपना निर्णय वापस नहीं ले लेते। कोलंबो में यूएन दफ्तर बंद करने को श्रीलंका सरकार ने
जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है।
सरकार ने कहा कि मून ने संयुक्त राष्ट्र
प्रतिनिधि को न्यूयार्क बुलाकर और श्रीलंका में अपना कार्यालय बंद कर हड़बड़ी दिखाई है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने पिछले साल लिट्टे के खिलाफ
श्रीलंकाई सेना के अभियान के दौरान युद्ध अपराधों की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित
किया है।
इस युद्ध में लिट्टे की हार हुई थी और हज़ारों लोग मारे गए थे।