तिरुअंतपुरम, 10 जुलाई, 2010 (एशियान्यूज़)। केरल के एक प्रोफ़ेसर टी.जे. जोसेफ़ के परिवारवालों
ने बीबीसी को बताया है कि उन्होंने हमले में शामिल उन संदिग्ध इस्लामी कट्टरपंथियों को
माफ़ कर दिया है जिन्होंने प्रोफेसर का हाथ काट दिया था। प्रोफेसर जोसफ की बहन मेरी
स्तेल्ला ने कहा कि ‘‘दुनिया के सभी जन भाई-भाई है और एक ही ईश्वर की संतान हैं। हमें
चाहिये कि हम प्रेम शांति भाईचारा और मित्रता के भाव से सौहार्दपूर्ण जीवन बितायें’’।
सिस्टर मेरी स्तेल्ला संत जोसेफ ऑफ क्लूनी धर्मसमाज की सदस्या है और न्यूजीलैंड के कूक
आइलैंड्स में कार्यरत है। 7 जुलाई रविवार को आठ हमलावरों ने प्रोफ़ेसर पर उस वक़्त
हमला किया जब वे चर्च से अपनी माँ और बहन के साथ घर वापस लौट रहे थे। इस हमले के सिलसिले
में पुलिस ने सोमवार को 'प्रिडोमिनेंटली मुस्लिम फ़्रंट ऑफ़ इंडिया' के दो कार्यकर्ताओं
को गिरफ़्तार किया था। प्रोफेसर जोसेफ पर जिस समय हमला हुआ था उस समय उन्हें थोडूपुझा
स्थित न्यूमैन कॉलेज से बर्खॉस्त कर दिया गया था और उन पर इस्लाम का अपमान करने के कारण
आपराधिक आरोप लगाए गए थे। इस कॉलेज का संचालन रोमन कैथोलिक के हाथों में हैं। प्रोफेसर
पर आरोप है कि उन्होंने मार्च में एक परीक्षा पत्र में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का
अपमान किया था। हालांकि उनके परिवार वालों ने इस आरोप का ज़ोर से खंडन किया है। केरल
सरकार और कई मुस्लिम संगठनों ने इस हमले की निंदा की है। जोसेफ की पुत्री एमी ने बीबीसी
को बताया, "मेरे पिता अभी भी सघन चिकित्सा में है, लेकिन परिवार हमलावरों को माफ़ करता
है।" उन्होंने बताया कि इस हमले में प्रोफेसर का दाहिना हाथ नहीं रहा और अधिक सर्जरी
की ज़रूरत है। एमी का कहना है कि परीक्षा पत्र में एक ग़लतफ़हमी की वजह यह हमला हुआ
था। इस पत्र में पैंगंबर मोहम्मद साहब को लेकर किसी भी तरह के अभद्र भाषा का इस्तेमाल
नहीं किया गया था। इस हमले में प्रोफेसर जोसेफ की 81 वर्षीय माँ पर भी हमले हुए थे। एमी
की कहना है कि प्रश्न पत्र विवाद के बाद उन्हें तीन बार धमकाया गया था मार्च में विभिन्न
मुस्लिम संगठनों ने थोडूपुझा में प्रश्न पत्र को लेकर विवाद खड़ा होने पर उग्र प्रदर्शन
किया था और कई लोग पुलिस के साथ हुई झड़प में घायल हुए थे। प्रोफेसर जोसेफ को गिरफ़्तार
किया गया था और अप्रैल में उन्हें जमानत दे दी गई थी।