ईराक का मोसुल नगर ख्रीस्तीय समुदाय के लिये एक ख़तरनाक नगर बन गया है जहाँ पाँच जुलाई
को एक और ख्रीस्तीय धर्मानुयायी की हत्या कर दी गई। 54 वर्षीय सिरियाई ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय
धर्मानुयायी बेहनाम सब्ती, मोसुम के जुमहुरिया राजकीय अस्पताल में, नर्स थे। उनकी मोटर
गाड़ी में बम लगा दिया गया जिससे गाड़ी स्टार्ट करने के तुरन्त बाद विस्फोट हुआ जिसमें
उनकी मृत्यु हो गई। स्थानीय सूत्रों ने एशिया समाचार से कहा कि उनका विश्वास है कि सब्ती
को उनकी धार्मिक पहचान के लिये निशाना बनाया गया। मोसुल में अमरीकी सैनिक तथा ईराकी
सेना की टुकड़ियाँ जगह जगह पर तैनात हैं किन्तु इसके बावजूद आल कायदा आतंकवादी संगठन
से जुड़े दल ग़ैरमुसलमानों एवं विदेशियों को जिहादी हिंसा का निशाना बना रहे हैं।