2010-07-01 18:07:35

छुट्टियाँ मनानेवाले सृष्टि में ईश्वर की कृति का सम्मान करें


(वाटिकन सिटी सीएनएस) प्रवासियों और यायावरों की प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के एक संदेश में कहा गया है कि छुट्टियाँ मनानेवाले काथलिकों को यह देखने के लिए सीखना चाहिए कि वे सृष्टि में ईश्वर की कृति का सम्मान करें तथा सृष्टि के मध्य विद्यमान नाजुक संतुलन को बाधित नहीं करें। प्रकृति और जैविक विविधता हमें बताती है कि ईश्वर सृष्टिकर्ता हैं।

27 सितम्बर को मनाये जानेवाले विश्व पर्यटन दिवस की तैयारी के लिए 30 जून को जारी संदेश में कहा गया है कि काथलिक चर्च मानव प्राणी की इस जिम्मेदारी पर सतत जोर देती रही है कि सबलोगों के लिए समग्र और स्वस्थ वातावरण का संरक्षण किया जाये। संयुक्त राष्ट्र संघीय विश्व पर्यटन संगठन ने सन 2010 के समारोह के लिए पर्यटन और जैव विविधता शीर्षक को चुना है। वक्तव्य में कहा गया है कि हाल के अध्ययनों ने सूचित करते हैं कि विश्व स्तर पर 22 प्रतिशत चौपाया जानवर, 31 प्रतिशत जल और थल चर, 13.6 प्रतिशत पक्षी और 27 प्रतिशत शैवाल खतरे में हैं या उनका अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है लेकिन जैवविविधता के संरक्षण और इसके धारणीय उपयोग पर पर्यटन का व्यापक असर पड़ता है। कहा गया है कि सीमित संसाधनों के अत्यधिक उपयोग होने से पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव होता है।








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