बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश 30 जून,
2010
रोम, 30 जून, 2010 (सेदोक) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने
संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं
में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा- .
प्रिय भाइयो एवं
बहनों, आज की धर्मशिक्षामाला में हम तुरिन के संत जोसेफ कफास्सो के जीवन पर चिन्तन करें।
हाल ही हमने, पौरोहित्य पवित्रता और उत्साह के आदर्श तुरिन के संत जोसेफ कफास्सो
की मृत्यु का 150वाँ वर्षगाँठ मनाया है।
संत जोसेफ ने अपना सारा जीवन पुरोहितों
के प्रशिक्षण और आध्यात्मिक निर्देशन में बिता दिया था। उन्होंने ग़रीबों और ज़रूरतमंदों
के उत्थान के लिये भी अपनी सेवायें दी।
उन्होंने जेल में उनलोगों के साथ भी अपना
बिताया जिन्हें मृत्युदंड की सजा मिली थी। हम आज प्रार्थना करें कि संत जोसेफ का जीवन
हमें प्रेरित करे ताकि हम उसके उदाहरण पर चलकर सुसमाचार का वफादारी से साक्ष्य दे सकें।
कल
29 जून मंगलवार को हमने संत पीटर और संत पौल का महोत्सव मनाया । मैंने 38 धर्माध्यक्षों
को ‘पाल्लियुम’ अर्थात् अम्बरिका प्रदान किये हैं।
आज मैं उन सब महाधर्माध्यक्षों
को और विशेषकरके उनके मित्रों, रिश्तेदारों और उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की
आशिष की कामना करता हूँ जिन्होंने महाधर्मध्यक्षों को संत पीटर की समाधि पर अर्पित किया।
मैं
अंग्रेजी भाषा-भाषी महाधर्माध्यक्षों विशेष कर भारत के महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस कल्लाराकल,
जिम्बाबवे के थोमस कलियानिल, फिलीपींस के सोकरेतास विलेगास, इंगलैंड के बेर्नार्ड लोगले,
अमेरिका के एडवर्ड लिस्तेकी, दक्षिण अफ्रीका के स्टेफन ब्रिसलिन, कोरिया के हिजीनुस ही
जूंग, इंगलैंड के पीटर और घाना के मथियस कोबेना पर ईश्वर की विशेष आशिष की कामना करता
हूँ। अमेरिका के अन्य दो महाध्यक्षों जेरोम और थोमस को भी ईश्वर को अर्पित करता हूँ।
उन्होंने
कहा कि ईश्वर सभी महाधर्माध्यक्ष को कृपा दे कि वे अपने रेवड़ की रक्षा करें और अपनी
सेवा के द्वारा उनके विश्वास को मजबूत करें।
इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश
समाप्त किया।
उन्होंने इंगलैंड, पलिस्तीन, उत्तरी कोरिया, आयरलैंड, कनाडा, भारत
और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु
येसु की कृपा और शांति का कामना करते हुए कहा की उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।