वाटिकन सिटीः सन्त पेत्रुस एवं पौलुस के महापर्व पर 38 को अम्बरिका
रोम के संरक्षक सन्त पेत्रुस एवं सन्त पौलुस के महापर्व के उपलक्ष्य में मंगलवार, 29
जून को, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित
कर, एक वर्ष के अन्तराल में महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये, विश्व के 38 धर्माधिकारियों
को पाल्लियुम अर्थात् अम्बरिकाएँ प्रदान की। पाल्लियुम या अम्बरिका कशीदाकारी किया
हुआ, छः क्रूसों से अलंकृत, एक सफेद पट्टा है जिसे कंधों पर धारण किया जाता है। कलीसिया
के परमाध्यक्ष सन्त पापा तथा महाधर्माध्यक्षों द्वारा धारण किया जानेवाला पाल्लियुम या
अम्बरिका सत्ता का प्रतीक है तथा रोम के परमाध्यक्ष एवं विश्व के महाधर्माध्यक्षों के
बीच खास सम्बन्ध को अभिव्यक्त करता है। ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने पाल्लियुम
अर्थात अम्बरिका का महत्व समझाते हुए कहा कि पेत्रुस एवं उनके उत्तराधिकारियों के बीच
सहभागिता कलीसिया के धर्माध्यक्षों तथा उनके सिपुर्द किये गये काथलिक समुदायों के लिये
स्वतंत्रता की गारंटी है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उन देशों के धर्माधिकारियों को
विश्वव्यापी कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ सहभागिता में रहना आवश्यक है जहाँ विश्वास
के कारण काथलिक धर्मानुयायियों को उत्पीड़न सहना पड़ता अथवा क्रूर राजनीति के अधीन अपनी
प्रेरिताई का निर्वाह करना पड़ता है। सन्त पापा ने कहा कि पाल्लियुम महाधर्माध्यक्षों
को विश्वव्यापी कलीसिया द्वारा अर्पित समर्थन का प्रतीक है ताकि वे तथा उनके सिपुर्द
किये गये समुदाय, कठिन से कठिन घड़ी में भी, कलीसिया की एकात्मता का अनुभव कर शक्ति प्राप्त
कर सकें। मंगलवार के ख्रीस्तयाग समारोह के दौरान दक्षिण एवं केन्द्रीय अमरीका के
छः, अफ्रीका के आठ, उत्तरी अमरीका के छः, यूरोप के 14 तथा एशिया के चार महाधर्माध्यक्षों
को अम्बरिकाएं प्रदान की गई। इनमें भारत के केरल स्थित वेरापोली महाधर्मप्रान्त के महाधर्माध्यक्ष
फ्राँसिस काल्लाराकाल भी शामिल हैं।