कंधमाल के हिंदुओं ने ईसाई-विरोधी हमलों के लिये खेद व्यक्त किया
भुवनेश्वर, 25 जून, 2010 (उकान) उड़ीसा के कंधमाल जिले के हिन्दुओं ने सन् 2008 में ईसाई
विरोधी हमलों के लिये खेद व्यक्त किया है। कंधमाल क्षेत्र में कार्यरत एक समाज सेवी
सुशील कुमार ने उकान समाचार को बताया कि ईसाई मिशनरियों ने पाँच दशकों से भी अधिक सालों
तक कंधमाल क्षेत्र को अपनी सेवायें दीं हैं। उनपर आक्रमण करना वास्तव में ‘हिन्दुओं पर
ही आक्रमण’ है। सुशील कुमार ने कहा कि ईसाइयों पर हुए आक्रमण के दो साल बाद अब लोग दुःखित
हैं। विदित हो कि सन् 2008 के अगस्त माह में करीब चार सौ अतिवादी हिन्दुओं ने एक
हिन्दु नेता लक्ष्मणनन्दा सरस्वती की हत्या ईसाइयों पर थोपते हुए ईसाइयों पर हमला बोल
दिया था और ईसाई-मिशन को तहस-नहस कर दिया था। इस आक्रमण में 95 ईसाइयों की मृत्यु
हो गयी थी और 350 गिरजाघर और करीब 7 हज़ार घरों को ध्वस्त कर दिया गया था। कंधमाल क्षेत्र
में कार्यरत फादर सुशील केरकेट्टा का मानना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और इसकी
पुनरावृत्ति कभी भी नहीं होनी चाहिये। सत्यजीत प्रधान नामक एक पत्रकार ने कहा कि
हिन्दुओं का ईसाइयों पर धर्मान्तरण का आरोप लगाना उचित नहीं है। ईसाइयों मिशनरियों ने
सदा ही अपने स्कूलों तथा समाज और स्वास्थ्य सेवा केन्द्रों द्वारा समाज के विकास के लिये
कार्य किया है। अरविंद साहू नामक पुलिस अधिकारी ने घटना की याद करते हुए कहा कि घटना
को अंज़ाम देने वाली भीड़ विभिन्न नेताओं के प्रभाव में थी। वास्तव में लोग ईसाई मिशनरियों
के विरुद्ध नहीं है। उन्हें स्थानीय नेताओं ने भड़काया था। पुलिस अधिकारी ने इस बात का
खुलासा भी किया कि यद्यपि हमलों के मामले में 20 व्यक्तियों को गिरफ्त़ार भी किया गया
है पर गवाह के अभाव में उनके बरी होने की पूरी संभावना है।