आथेन्सः ग्रीक धर्माध्यक्षों ने क्रूस के पक्ष में वकतव्य दिया
ग्रीस के काथलिक धर्माध्यक्षों ने कहा है कि सार्वजनिक स्थलों से क्रूस की प्रतिमा को
प्रतिबन्धित करने से यूरोप में शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व को सहायता नहीं मिलेगी। आगामी
जून 30 को मानवाधिकार सम्बन्धी यूरोपीय अदालत में, क्रूस पर प्रतिबन्ध लगानेवाले नवम्बर
माह के निर्णय पर, सुनवाई की पृष्टभूमि में ग्रीस के काथलिक धर्माध्यक्षों ने 11 जून
को एक विज्ञप्ति प्रकाशित कर उक्त वकतव्य दिया। अदालत का निर्णय इटली में उभरे एक
प्रकरण से सम्बन्धित था। निर्णय के विरोध में यूरोपीय संघ के दस सदस्य देश इटली के साथ
हो लिये हैं। ग्रीक धर्माध्यक्षों ने कहा कि उक्त निर्णय, "हमारे प्राचीन महाद्वीप
की ख्रीस्तीय जड़ों को यूरोपीय संविधान में मान्यता प्रदान करने के विरुद्ध उठाया गया
एक और कदम है।" उन्होंने बल दिया, "अधिकाधिक बहु-सांस्कृतिक होते समाज में धार्मिक परमपराओं
के प्रति परस्पर सम्मान अनिवार्य है।" धर्माध्यक्षों के अनुसार इस प्रकार का परस्पर
सम्मान, विभिन्न धर्मों की परम्पराओं के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को प्रोत्साहित करता
तथा उस धर्मान्धता को दूर रखने में मदद प्रदान करता है जिसने मानवाजाति को बहुत अधिक
कष्ट पहुँचाया है। धर्माध्यक्षों ने कहा कि सदियों पुरानी ख्रीस्तीय परम्परा वाले
समाजों में ख्रीस्तीय धार्मिक प्रतीकों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर किसी भी प्रकार का प्रतिबन्ध
नहीं लगाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रतिबन्ध उस देश के आध्यात्मिक
एवं सांस्कृतिक धरोहर से इनकार करना होगा जिसकी जड़ें उसके भविष्य का अभिन्न अंग हैं।