अंतरराष्ट्रीय समुदाय महिला शरणार्थियों के लिये कार्य करे
रोम, जून 18 2010 (जेनित) कारितास ने आशा व्यक्त की है कि जब रविवार 20 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय
रेफ्यूजी या शरणार्थी दिवस’ मनाया जायेगा तब करीब तीन करोड़ महिला शरणार्थियो की ओर
लोगों का ध्यान आकर्षित होगा।
ज़ेनित समाचार से बात करते हुए कारितास के नीतिनिर्धारण
समिति के निदेशक मार्टिना लिबेस्क ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात पर ध्यान
देना चाहिये कि वे राजनीतिक इच्छा शक्ति दिखायें और उन शरणार्थी संबंधी अंतरराष्ट्रीय
समझौतों को लागू करें ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कारितास के
आँकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में शरणार्थियों की संख्या 10 करोड़ है और उनमें से दो-तिहाई
प्रवासी पाँच वर्ष से भी लम्बे समय से संकटों से जूझ रहें हैं।
उन्होंने यह भी
बताया कि उन शरणार्थियों में 49 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। कारितास ने लोगों का
ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया है कि महिलाओं को न केवल उचित सुरक्षा दी जाये वरन्
उनके लिये ऐसी सुविधा मुहैया करायी जाये ताकि वे अपने ऊपर होने वाले हिंसा की रिपोर्ट
कर सकें और कानूनी सहायता प्राप्त कर सकें।
कारितास के नीति संबंधी मामलों की
निदेशिका मार्टिना ने इस बात पर भी बल दिया कि महिला शरणार्थियों को उनके रोज़गार की
भी सुविधा दी जानी चाहिये ताकि अपने रोजी-रोटी के लिये उन्हें बाहर न जाना पड़े।
उन्होंने
कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भी ध्यान देना चाहिये कि शरणार्थी अपने घर वापस लौट
सकें।