2010-06-18 17:48:42

एशियाई सम्मेलन में महिलाओं के शोषण पर खेद व्यक्त किया गया


लोकधर्मी प्रेरिताई संबंधी ईस्ट एशिया विशप्स इंस्टीचयूट ने महिलाओं के शोषण पर खेद व्यक्त किया है तथा मानव तस्करी और यौन शोषण के शिकार हुए लोगों की सहायता करने तथा महिलाओं की लैंगिकता का समाज द्वारा शोषण किये जाने के बारे में और अधिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर प्रकाश डाला है। मेरी ट्रुली ए वमुन ओफ अवर टाइम शीर्षक से मई सम्मेलन का आयोजन ताईवान धर्माध्यक्षीय सम्मेलन और एशियाई धर्माध्यक्षों की समितियों के संघ के कार्यालय द्वारा ताईवान के सिंचु धर्मप्रांत में किया गया था जिसमें हाँगकाँग जापान, कोरिया मकाऊ और ताईवान के 100 प्रतिभागी शामिल हुए। इन्मे लोकधर्मी, धर्मसमाजी, धर्माध्यक्ष और पुरोहित शामिल थे। महिलाओं की पीड़ाओं के प्रति गहन संवेदनशीलता तथा मरियम के आदर्श नारीत्व, उनके कौमार्य़ और मातृत्व का आज के पुरूषों और महिलाओं द्वारा अनुसरण करने की जरूरत के प्रति प्रतिभागियों को सजग किया गया।

सम्मेलन के अंत में जारी अंतिम वक्तव्य में कहा गया कि महिलाओं को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है इसलिए महिलाओं को मरियम से प्रेरणा और साहस पाने के लिए उत्साहित करना है क्योंकि मरियम के पास ख्रीस्तीयों के लिए सार्वभौमिक संदेश है। वक्तव्य में इस बात पर खेद प्रकट किया गया कि आधुनिक कार्य संस्कृति के कारण परिवारों में तनाव और संघर्ष हो रहे हैं। परिवार व्यवस्था का विनाश हो रहा है, युवतियां विवाह और परिवार शुरु नहीं करना चाहती हैं। मानव मर्यादा के प्रति उपेक्षा का भाव मानव प्राणी को वस्तु के समान देखने में व्यक्त होता है, प्रवासी कामगारो के साथ दुर्व्यवहार, मानव तस्करी, गर्भपात और मनोरंजन और विज्ञापन उद्योग द्वारा महिलाओं की लैंगिकता का दोहन हो रहा है।

सम्मेलन के प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि यौन प्रताड़ना के शिकार हुए लोगों की एशियाई कलीसियाएँ सहायता करें, लोगों की लैंगिकता, सेक्सुआलिटी के बारें में कलीसिया में जागरूकता बढ़ायें, महिलाओं के शरीर की पवित्रता की पुर्नस्थापना करने में तथा लघु ख्रीस्तीय समुदायों के द्वारा महिलाओं के मुददों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सहायता करें।








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