पुरोहित वर्ष का समापन, शुक्रवार, 11 जून को, येसु के परम पवित्र हृदय के महापर्व के
दिन हुआ। सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की अध्यक्षता में संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण
में आयोजित ख्रीस्तयाग समारोह में विश्व भर से आये लगभग 15 हजार पुरोहित सहअनुष्ठाता
थे। ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए संत पापा ने कहा कि पौरोहितिक प्रेरिताई के
आदर्श आर्स के पवित्र पल्ली पुरोहित संत जोन मेरी वियन्नी के निधन की 150 वीं वर्षगाँठ
पर आयोजित पुरोहित वर्ष का समापन हो रहा है। इस अवसर ने हमें पुरोहित की प्रेरिताई की
महानता और सौंदर्य़ कr नवीकृत तरीके से सराहना करने के लिए आर्स के पल्ली पुरोहित से मार्गदर्शन
पाने का मौका दिया।
संत पापा ने कहा कि पुरोहित कोई कार्यालय अधिकारी या पदाधिकारी
नहीं है जैसा कि हर समाज में व्यवस्था बनाये रखने और गतिविधियों को सम्पन्न करने के लिए
जरूरी होता है लेकिन पुरोहित वह कार्य़ करता है जो कोई व्यक्ति अपनी शक्ति के बल पर नहीं
कर सकता है। वह ख्रीस्त के नाम पर उन वचनों को दुहराता है जो पापों से मुक्त करता है
तथा ईश्वर से आरम्भ कर हमारे सम्पूर्ण जीवन को बदल देता है। संत पापा ने कुछेक पुरोहितों
द्वारा किये गये पाप के शिकार हुए लोगों से क्षमा याचना करते हुए कहा कि यथासंभव उपाय
किये जायेंगे ताकि भविष्य में बच्चों के साथ यौन शोषण या दुर्व्यवहार नहीं हो। संत पापा
ने इस तथ्य पर खेद व्यक्त किया कि यह वर्ष जो पुरोहिताई के लिए आनन्द का वर्ष होना चाहिए
था कुछेक पुरोहितों के द्वारा बच्चों के साथ किये गये दुर्व्यवहार के मामले सामने आये।
यौन शोषण के शिकार हुए लोगों तथा ईश्वर से क्षमा की याचना करते हुए संत पापा ने कहा कि
पुरोहित उम्मीदवारों के चयन और प्रशिक्षण के लिए ऐसे उपाय किये जायेंगे ताकि उम्मीदवारों
की बुलाहट की प्रमाणिकता मापी जा सके, पुरोहिताई की यात्रा में उनकी सहायता की जा सके।
ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में संत पापा ने विभिन्न भाषाओं में पुरोहितों को सम्बोधित
किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषी पुरोहितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ख्रीस्त और उनकी
दुल्हन कलीसिया के लिए पुरोहितों के प्रेम के प्रति धन्यवाद देते हुए उनसे आग्रह करते
है कि अपनी प्रतिज्ञाओं के प्रति निष्ठावान रहें, पवित्रता और साहस के साथ ईश्वर और लोगों
की सेवा करें तथा अपने जीवन को येसु के क्रूस के रहस्य के साथ संयुक्त् रखें।