ब्रह्मचर्य के सौंदर्य पर पुरोहितों की बैठक में चर्चा
वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बोरतोने ने वाटिकन स्थित संत पापा पौल षष्टम सभागार
में पौरोहित्य तथा ब्रह्मचर्य़ विषय पर 9 जून को आयोजित समारोह में विचार व्यक्त करते
हुए कहा कि ब्रह्मचर्य का सुंदर पहलू है कि यह प्रत्येक व्यक्ति को ख्रीस्त में भाई और
बहन मानकर सेवा करने के एक पुरोहित के समर्पण को रेखांकित करता है। याजकों के धर्मसंघ
द्वारा प्रायोजित तीन घंटे के समारोह में फोकोलारे अभियान, स्कोयनसाट अभियान और इंटरनेशनल
काथलिक कारिसमाटिक रिनीवल अभियान ने सहयोग किया। 70 देशों के हजारों पुरोहितों ने इस
कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्डिनल बेरतोने ने कहा कि पुरोहित, भाईयों के मध्य
भाई हैं जिन्में वे ख्रीस्त के मुखमंडल को पहचानते हैं। वे हर व्यक्ति महिला और पुरूष
के बंधु हैं जिनसे वे प्रेम करते और बिना किसी मोह या लगाव अथवा निजी हित की परवाह किये
निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं। इस तरह से ब्रह्मचर्य़ के महत्व और सौंदर्य को आज समझा
जाता है। पुरोहितों में इस बिना शर्त प्रेम का सौंदर्य प्रतिबिम्बित होता है जिसे बाह्य
रूप से कलीसिया मह्त्वपूर्ण मानती रही है। उदारता का चिह्न और संवेग मानकर तथा विश्व
में फलप्रद होने का विशेष स्रोत रहा है। कलीसिया और मानवता दोनों को पुरोहितों की, नये
विश्व के लिए यथार्थ नबियों की जरूरत है। विश्व जो ख्रीस्त के आने का साथ बनना आरम्भ
हुआ और जो बनने की सतत प्रक्रिया में है।
कार्डिनल महोदय ने खेद व्यक्त किया
कि कुछेक पुरोहितों के कारण विश्वास भंग होने से दुःख का सामना करना पडा है, कलीसिया
की विश्वसनीयता पर गहन नकारात्मक प्रभाव हुआ है। उन्होंने आयरलैंड के काथलिकों के नाम
संत पापा के पत्र से उद्धरण देते हुए कहा कि इस गहन दुःख से एक नयी जागरूकता उत्पन्न
हुई है। यह जरूरी है कि मनपरिवर्तन, शुद्धीकरण और मेलमिलाप के पथ पर साहसपूर्वक चलने
की जरूरत है। कलीसिया की सामुदायिकता में येसु खीस्त की मित्रता की समृद्धि और सौंदर्य
के युवाओं में हस्तांतरित करने के लिए नये तरीके पाये जायें।