2010-06-06 16:54:05

क्रूस के बिना विश्व आशारहित विश्व बन जायेगा


साइप्रस की राजधानी निकोसिया में होली क्रोस गिरजाघर में पुरोहितों, धर्मबहनों, उपयाजकों, धर्मशिक्षकों तथा लोकधर्मी संगठनों के सदस्यों के लिए शनिवार 5 जून को ख्रीस्तयाग अर्पित किया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए संत पापा ने कहा- क्रूस के द्वारा आत्म बलिदानी प्रेम ने बुराई की ताकत को नष्ट कर दिया। विश्व को क्रूस की जरूरत है। क्रूस भक्ति का निजी संकेत या चिन्ह मात्र नहीं है। समाज के अंदर एक समूह विशेष की सदस्यता का बैज नहीं है और अपने गहरे अर्थ में इसका संबंध धार्मिक आस्था या दर्शनशास्त्र को बलात थोंपना नहीं है। क्रूस आशा, प्रेम और अत्याचार पर अहिंसा की विजय तथा ईश्वर द्वारा दीन लोगों को ऊपर उठाये जाने के बारे में कहता है। यह विभाजनों पर विजय पाता तथा नफरत को प्रेम से जीत लेता है।

संत पापा ने कहा कि क्रूस के बिना संसार आशारहित विश्व बन जायेगा, ऐसा विश्व जहाँ प्रताड़ना और बर्बरता निर्बाध रूप से बढ़ेगे और कमजोरों का शोषण किया जायेगा तथा लोभ या लालच अंतिम शब्द होगा। पुरोहितों को समर्पित वर्ष का स्मरण करते हुए संत पापा ने कहा कि पुरोहितों को अविश्वसनीय कृपा मिली है। वे इसका स्मरण करें।

संत पापा ने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र के पुरोहित और धर्मसमाजी वर्तमान समय में एक विशिष्ट बुलावे का अनुभव कर रहे हैं कि अपने जीवन को प्रभु के क्रूस के रहस्य के साथ संयुक्त करें। क्षेत्र में विद्यमान तनाव और संघर्ष के परिणास्वरूप समुदायों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अनेक परिवार पलायन करने का निर्णय ले रहे हैं और पुरोहितों तथा मेषपालों के लिए भी यह प्रलोभन होगा कि उन्हीं के समान करें लेकिन मेरी सलाह है कि यहाँ रहने का निर्णय लें क्योंकि उनकी उपस्थिति ही शांति के सुसमाचार की मुखर अभिव्यक्ति है। सब भेड़ों की देखरेख करने के लिए भले चरवाहे की दृढ़ता है तथा अन्यों को प्रेमपूर्ण स्वीकार करने तथा वार्ता और मेलमिलाप कराने के लिए कलीसिया का पूर्ण समर्पण। क्रूस को स्वीकार करने के द्वारा मध्यपूर्व क्षेत्र के पुरोहित और धर्मसमाजी वास्तव में आशा की किरण फैला सकते हैं।








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