2010-06-04 12:27:05

वाटिकन सिटीः बेनेडिक्ट 16 वें साईप्रस में शांति को प्रोत्साहित करेंगे, प्रवक्ता


वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा है कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें साईप्रस में शांति को प्रोत्साहित करेंगे।
शुक्रवार, चार जून को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें रोम से साईप्रस के लिये रवाना हो गये जहाँ वे रविवार सन्ध्या तक रहेंगे। रोम के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे फ्यूमिचीनो से सन्त पापा ने शुक्रवार स्थानीय समयानुसार प्रातः साढ़े नौ बजे आल इतालिया के 320 एयरबस विमान से साईप्रस के लिये प्रस्थान किया। साढ़े तीन घण्टों की हवाई यात्रा के बाद वे साईप्रस के पाफोस विमानपत्तन पर उतरे। साईप्रस में काथलिक कलीसिया के किसी परमाध्यक्ष की यह प्रथम प्ररितिक यात्रा है। इटली से बाहर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यह 16 वीं प्रेरितिक यात्रा होगी। इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य साईप्रस के काथलिक धर्मानुयायियों से मुलाकात है जिसके दौरान आगामी अक्तूबर माह के लिये निर्धारित मध्यपूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के लिये तैयार दस्तावेज़ को सन्त पापा धर्माध्यक्षों के सिपुर्द करेंगे। 10 ये 24 अक्तूबर तक जारी इस धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का विषय हैः "मध्यपूर्व में काथलिक कलीसिया की सहभागिता एवं उसका साक्ष्य"।


शुक्रवार चार जून से रविवार छः जून तक जारी सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की प्रेरितिक यात्रा के विषय में पत्रकारों से वाटिकन के प्रवक्ता फादर लोमबारदी ने कहा कि सन्त पापा मध्यपूर्व में शांति को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। शांति के प्रतीक रूप में शुक्रवार को पाफोस हवाई अड्डे पर, स्वागत समारोह के दौरान, सन्त पापा ने जैतून की डालियों पर आशीष दी।


फादर लोमबारदी ने बताया कि सन्त पापा की साईप्रस यात्रा सिप्रियट ऑरथोडोक्स चर्च के धर्माधिपति तथा ख्रीस्तीय एकता के प्रवर्तक क्रिज़ोस्तम द्वितीय के निमंत्रण पर आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि साईप्रस के ख्रीस्तानुयायी चाहते हैं कि देश के उत्तरी भाग में तुर्की द्वारा अधिकृत क्षेत्रों में विद्यमान ख्रीस्तीय गिरजाघर एवं अन्य कलीसियाई सम्पत्ति पुनः साईप्रस के ख्रीस्तीयों को लौटा दी जाये किन्तु तुर्की इस अपील को अनसुना करता रहा है। साईप्रस के काथलिक एवं ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीयों की आशा है कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा तनावों को कम कर सकेगी तथा तुर्की द्वारा अधिकृत उनके गिरजाघर एवं आराधना स्थल उन्हें वापस मिल सकेंगे।


ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक सम्बन्धों को मज़बूत करने के अलावा, फादर लोमबारदी ने बताया कि, सन्त पापा की प्रेरितिक यात्रा साईप्रस के लघु काथलिक समुदाय में आशा का संचार करना चाहती है। इनमें लातीनी, मारोनी एवं आरमीनियाई काथलिक धर्मानुयाई सम्मिलित हैं।


सन्त पापा की साईप्रस प्रेरितिक यात्रा से एक दिन पूर्व गुरुवार को तुर्की में अनातोलिया के धर्माध्यक्ष लूईजी पादोवेज़े की हत्या पर टीका करते हुए फादर लोमबारदी ने कहा कि धर्माध्यक्ष की हत्या उन कठिन परिस्थितियों को दर्शाती है जिनका सामना मध्यपूर्व के काथलिक समुदाय को करना पड़ता है। धर्माध्यक्ष पादोवेज़े भी सन्त पापा से साक्षात्कार हेतु साईप्रस जानेवाले थे किन्तु यात्रा से एक दिन पूर्व ही उनकी हत्या कर दी गई। तुर्की के अधिकारियों के अनुसार हत्यारा धर्माध्यक्ष का ड्रायवर था, उनका कहना है कि हत्या का कोई राजनैतिक कारण नहीं था।








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