2010-06-02 16:21:04

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में उपस्थित देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

मध्ययुग की ईसाई संस्कृति पर चिंतन करते हुए हमारी धर्मशिक्षा माला में आज हम डाक्टर कोमिनुस के नाम से विख्यात संत थोमस अक्वीनस पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं जिनका जीवन और शिक्षा ईशशास्त्रियों के लिए हमेशा से उल्लेखनीय आदर्श रहा है। नेपल्स विश्वविद्यालय में युवा छात्र के रूप में थोमस का परिचय हाल में पुनःखोजे गये अरस्तू के कार्य़ो से हुआ। उनके शोध-कार्य जीवन का अधिकांश भाग इस दर्शनशास्त्री की यथार्थ शिक्षाओं का अध्ययन करने, इसके वैध तत्वों पर मंथन करने तथा ईसाई विचार के लिए इसके महत्व को प्रदर्शित करने को समर्पित रहा।

उपदेशकों के धर्मसंघ में प्रवेश किये थोमस ने अल्बर्ट महान के अधीन अध्ययन किया और उन्होंने कोलोन, पेरिस, रोम तथा नेपल्स में ईशशास्त्र का अध्यापन किया। उनकी अनेक टीकाओं और वर्गीकृत कार्यों में महान सुम्मा थ्योलोजिये, धर्म और तर्कणा के मध्य प्राकृतिक समन्वय के प्रति उनकी विश्लेषण क्षमता और दृढ़ मंतव्य को प्रकट करता है। थोमस ने नवीन ख्रीस्त देह पर्व के लिए भी पूजनविधि मूल पाठ की रचना की थी जिसके संगीत उनके गहन यूखरिस्तीय विश्वास और ईशशास्त्रीय विवेक को प्रतिबिम्बित करते हैं।

अपने जीवन के अंत में संत थोमस ने लिखना छोड़ दिया जब उन्हें एक रहस्यमय अनुभव हुआ जिसने उन्हें दृढ़मत बनाया कि जो कुछ उन्होंने लिखा वह सब ईश्वर के सत्य के सौंदर्य और असीम श्रेष्ठता के सामने पुआल के समान है। आनेवाली धर्मशिक्षा माला में हम इस महान ईशशास्त्री के लेखों और विचारों पर विचार करेंगें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने अन्य भाषाओं में तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया और आमदर्शन समारोह के अंत में सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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