बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्रांगण में उपस्थित देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में
सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा-
अतिप्रिय
भाईयो और बहनो,
पुरोहितों को समर्पित वर्ष के इन अंतिम दिनों में मैं ख्रीस्त
के नाम में सौंपी गयी रेवड़ की देखरेख से जुड़ी पौरोहितिक प्रेरिताई के प्रशासन पर कहना
चाहता हूँ। ख्रीस्तीय समझ के अनुसार अथोरिटी या प्राधिकार, सत्य की सेवा है, व्यक्ति
का सर्वोच्च कल्याण, जो ख्रीस्त में हमारी मुक्ति है। इसका प्रयोग प्रभु के नाम में किया
जाये तो यह भले गड़ेरिये की देखरेख और उनकी सतत उपस्थिति की अभिव्यक्ति है।
पुरोहित
के मेषपालीय मिशन और ख्रीस्त का आज्ञाकारी अनुसरण के लिए पुरोहित की निजी तत्परता पवित्र
पुरोहिताई संस्कार को प्रदत्त आध्यात्मिक प्राधिकार के सुसंगत होनी चाहिए। विश्वास के
आलोक में समझा जाये तो यह प्राधिकार जिसमें ताकत का अभ्यास निहित है, यह पवित्रता, एकता
और सत्य से भरी कलीसिया के निर्माण की सेवा है।
ख्रीस्त की ताकत की अभिव्यक्ति
शिष्यों के पैर धोने में तथा उनका राजत्व लकड़ी के क्रूस में व्यक्त हुआ उसी प्रकार प्रशासन
संबंधी पौरोहितिक प्रेरिताई मेषपालीय उदारता में व्यक्त होनी चाहिए। मैं आ प सबका आह्वान
करता हूँ कि महिलाओं और पुरूषों को ईश्वर की ओर ले चलने की प्रेरिताई तथा सुसमाचार के
सत्य और इसके आशा से भरे संदेश का साक्षी देने के लिए पुरोहितों को समर्थन और सहयोग दें।
विशेष रूप से मैं आप सबसे कलीसिया के संचालन की अपनी प्रेरिताई के लिए तथा पुरोहितों
को समर्पित वर्ष के समापन पर आयोजित होनेवाले समारोह के आत्मिक फल प्राप्त होने की कामना
करता हूँ।
इतना कहने के बाद संत पापा ने इंगलैंड, आयरलैंड, स्वीडेन, आस्ट्रेलिया,
भारत, बारबाडोस, कनाडा और अमरीका से आय़े अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों का हार्दिक अभिवादन
किया। उन्होंने तीर्थयात्रियों और उनके परिजनों पर सर्वशक्तिमान ईश्वर के आनन्द और शांति
रूपी वरदानों की कामना करते हुए सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।