इटली के ट्यूरिन नगर में रविवार को प्रभु येसु मसीह के कफन का प्रदर्शन समाप्त हो गया।
10 अप्रैल से कफन को लोकभक्ति के लिये प्रदर्शित किया गया था जिसपर श्रद्धा अर्पित करने
विश्व के लगभग बीस लाख तीर्थयात्री विगत 44 दिनों के दौरान ट्यूरिन पहुँचे थे।
ट्यूरिन
के जॉन बैपटिस्ट महागिरजाघर में पवित्र कफन श्रद्धा हेतु प्रदर्शित किया गया था। इस अवसर
पर महागिरजाघर के इर्द गिर्द अनेक धर्मविधिक एवं प्रार्थना समारोहों का आयोजन होता रहा,
येसु के कफ़न पर तैयार वृत्तचित्र प्रदर्शित किये गये तथा धर्मशालाओं में प्रीति भोजों
का आयोजन किया गया। तीर्थयात्रियों की सेवा के लिये लगभग 4000 स्वयंसेवी संलग्न थे। इनके
लिये कई सांस्कृतिक समारोह भी आयोजित किये गये थे।
ऐसा विश्वास है कि ट्यूरिन
के महागिरजाघर में सुरक्षित मसलिन का कपड़ा येसु मसीह के कफन का ही कपड़ा है जिसपर येसु
के लहूलुहान मुखमण्डल को देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों एवं इतिहासकारों ने इस पर कई परीक्षण
किये हैं तथा इसकी असलियत पर आशंकाएँ भी व्यक्त की हैं। इस सन्दर्भ में ट्यूरिन के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल सेवरिनो पोल्लेत्तो का कहना है कि वैज्ञानिकों एवं इतिहासकारों को उनका काम
करने दिया जाना चाहिये जबकि हमारे लिये यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि जिन्होंने इस कफन का
गूढ़ अध्ययन किया है वे यह नहीं जान पाये हैं कि येसु के मुखमण्डल की छवि इस पर कहाँ
से आई। इस दृष्टि से यह कहा जा सकता है कि इसके असली होने की अधिक सम्भावनाएँ हैं।