2010-05-21 17:19:05

लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सदस्यों के लिए संत पापा का संदेश


लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति की दो दिवसीय पूर्णकालिक सभा के प्रतिभागियों को शुक्रवार को सम्बोधित करते हुए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि राजनीतिज्ञों को तकनीकि प्रशिक्षण प्रदान करना कलीसिया का दायित्व नहीं है लेकिन मानव के बुनियादी अधिकारों और आत्मा की मुक्ति को प्रभावित करनेवाले राजनैतिक मुद्दों पर नैतिक निर्णयों के बारे में कहना कलीसिया के मिशन के अंतर्गत आता है। राजनैतिक समुदाय में ख्रीस्त के साक्षी शीर्षक से आयोजित दो दिवसीय सभा के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने बल दिया कि कलीसिया यह अपेक्षा करती है कि लोक धर्मी विश्वासी अपने निजी पारिवारिक जीवन और सामाजिक सांस्कृतिक राजनैतिक जीवन में ठोस रूप से प्रदर्शित करें कि विश्वास या धर्म वास्तविकता में पूर्ण परिवर्तन लाने में समर्थ है। ख्रीस्तीय आशा मानव के क्षितिज को ईश्वर तक व्यापक बनाती है और सत्य में उदारता सबसे प्रभावकारी ताकत है जो दुनिया में परिवर्तन ला सकती है। उन्होंने सुसमाचार की मुक्तिदायी ताकत और कलीसिया के सामाजिक सिद्धान्तों पर भी बल देते हुए कहा कि नागर और राजनैतिक समुदाय के सामने सच्चे ईसाई राजनीतिज्ञों सहित येसु और सुसमाचार का साक्ष्य देनेवाले लोकधर्मी विश्वासियों की जरूरत है। ऐसे युग में जब भ्रमित करनेवाला सापेक्षवाद और घोर व्यक्तिवादी मानसिकता का प्रभुत्व हो रहा है तो प्रेम की सभ्यता द्वारा लाये जानेवाले सच्चे क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है।








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