संत पापा की साइप्रस यात्रा का व्यापक नैतिक प्रभाव होगा
वाटिकन में साइप्रस के राजदूत जोर्ज पौलिदेस ने तेररासान्ता डोट नेट को दिये एक साक्षात्कार
में कहा कि 2 से 4 जून तक सम्पन्न होनेवाली संत पापा की साइप्रस यात्रा के समय संत पापा
का नैतिक प्रभाव व्यापक स्तर पर महसूस किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों
की सिनड की तैयारी के लिए दस्तावेज जारी किया जाना ऐतिहासिक होगा, जिसका लक्ष्य क्षेत्र
में शांति का प्रसार करना तथा धार्मिक अत्याचारों को समाप्त करने में मदद करना है।
राजदूत
पौलिदेस ने कहा कि संत पापा की यात्रा की सफलता के लिए सरकार, काथलिक और आर्थोडोक्स समुदाय
मिलकर काम कर रहे हैं। न केवल साइप्रस के निवासी संत पापा के कार्यक्रमों में शामिल होंगे
लेकिन विश्व के विभिन्न भागों से सैकड़ो संवाददाता आयेंगे। इसके अतिरिक्त मध्य पूर्व
के पड़ोसी देशों के विश्वासी अपने धर्माध्यक्षों के साथ आयेंगे।
उन्होंने कहा
उनका मानना है कि संत पापा साइप्रस की जनता को न्याय और शांति का तथा साइप्रस की सरकार
के प्रयासों को समर्थन और सहानुभूति का संदेश देना चाहते हैं। संत पापा द्वारा धर्माध्यक्षों
कि सिनड की तैयारी के लिए दस्तावेज जारी करने की विशेष सार्थकता होगी, यह साइप्रस को
मध्य पूर्व के प्रताड़ित क्षेत्रों में शांति के पक्ष में ख्रीस्तीय प्रयासों का केन्द्रीय
बिन्दु बनायेगा। यह घटना बहुत महत्व की होगी, यह केवल राजनैतिक मुददों के लिए नहीं होगी
लेकिन ईसाईयों और मुसलमानों के मध्य संबंध के महत्वपूर्ण सवाल से जुडी होगी।
राजदूत
पौलिदेस ने कहा कि संत पापा का नैतिक प्रभाव व्यापक है। वे शांति और न्याय का संदेश लाते
हैं जिसका असर मसीही दुनिया से परे भी होता है।