2010-05-17 17:26:59

स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना के पाठ से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश


श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 16 मई को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में सम्पूर्ण इटली और देश विदेश से आये लगभग डेढ़ लाख तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने भक्तों और पर्यटकों को सम्बोधित करते हुए कहा-

अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

आज इटली और अन्य देशों में, येसु के स्वर्गारोहण का पर्व मनाया जाता है जो पास्का के 40 दिन बाद हुआ। इस रविवार को विश्व सामाजिक सम्प्रेषण दिवस भी मनाया जा रहा है जिसका शीर्षक रखा गया है- डिजिटल दुनिया में पुरोहित और पौरोहितिक प्रेरिताई- ईशवचन की सेवा में नया मीडिया।

पूजनधर्मविधि पाठ में येसु के अंतिम प्रस्थान का वर्णन किया गया है, लेकिन यह उन्हें अकेला छोड़ना नहीं है, क्योंकि वे उनके साथ, हमारे साथ एक नये रूप में हमेशा के लिए रहते हैं। क्लेरवोक्स के संत बर्नड बताते हैं कि येसु का स्वर्ग में आरोहित होना तीन चरणों में पूरा हुआ- पहला पुनरूत्थान की महिमा है, दूसरा निर्णय करने की ताकत और तीसरा- पिता के दाहिनी ओर बैठना। यह घटना शिष्यों को आशीर्वाद प्रदान करने से पहले घटती है जिन्हें वे पवित्र आत्मा को ग्रहण करने के लिए तैयार करते हैं ताकि सर्वत्र मुक्ति के बारे में प्रचार किया जा सके। येसु स्वयं उनसे कहते हैं- तुम इन बातों के साक्षी हो, देखो, मेरे पिता ने जिस वरदान की प्रतिज्ञा की है , उसे मैं तुम्हारे पास भेजूँगा।

प्रभु शिष्यों की दृष्टि, हमारी दृष्टि को अपनी और आकर्षित करते हैं ताकि दिखा सकें कि पृथ्वी पर जीवनयात्रा के समय हम कैसे सुमार्ग पर चल सकें। वे मानव इतिहास के पटल पर रहते हैं, वे हम में से प्रत्येक जन के समीप हैं और हमारे मसीही पथ को मार्गदर्शन देते हैं। वे उनलोगों के सहयोगी हैं जो अपने विश्वास के कारण सताये जाते हैं। वे उन सब का दिल हैं जो समाज के हाशिये पर धकेले जाते हैं। वे उन सबमें उपस्थित हैं जिन्हें जीवन के अधिकार से वंचित किया जाता है। हम कलीसिया में प्रभु येसु को सुन, देख और छू सकते हैं, विशेष कर वचन और संस्कारों के द्वारा। इस अर्थ में मैं बच्चों और युवाओं का आह्वान करता हूँ जो इस पास्का काल में दृढ़ीकरण संस्कार प्राप्त कर रहे हैं वे ईशवचन और इससे मिलनेवाली शिक्षा के प्रति निष्ठावान रहें, वे सत्य की साक्षी देने के लिए चुने गये हैं इस तथ्य के प्रति सजग रहकर पापस्वीकार या मेल मिलाप संस्कार करें और पवित्र यूखरिस्त में शामिल हों।

मैं पुरोहित बंधुओं के लिए विशेष निमंत्रण को फिर दुहराता हूँ कि वे अपने जीवन और कार्यों में सशक्त सुसमाचारीय साक्ष्य द्वारा विशिष्ठ बनें और संचार सम्प्रेषण के माध्यमों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना जानें ताकि लोग कलीसिया के जीवन को जान सकें और यह वर्तमान समय के लोगों को ख्रीस्त का चेहरा पहचानने में सहायता करें।

प्रिय भाईयो और बहनो, प्रभु ने स्वर्ग का पथ अपनाकर हमें इस पृथ्वी पर ही दिव्य जीवन का पूर्व स्वाद दिया है। 19 वीं सदी के एक रूसी लेखक ने अपनी आद्यात्मिक साक्षी में लिखा- तारों को अधिक बार देखो, जब तुम्हारी आत्मा पर बोझ है तब तारों या स्वर्ग की चमक की ओर देखो। जब तुम उदासी का अनुभव करो, जब लोग तुम्हें चोट पहुँचायें तब स्वर्ग के बारे में सोचो और तुम्हारी आत्मा को शांति मिलेगी।

मैं कुँवारी माता मरियम को धन्यवाद देता हूँ जिनकी मैं फातिमा के तीर्थालय में कुछ समय पहले वंदना कर सका, उन्होंने पुर्तगाल की तीर्थयात्रा के समय ममतामयी संरक्षण दिया। हम विश्वासपूर्वक अपनी प्रार्थनाओं को उन्हें अर्पित करते हैं जो अपने प्रिय पुत्र का साक्ष्य देनेवालों की देखरेख करती हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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