2010-05-14 13:10:57

फातिमा, पुर्तगालः रोगियों से मुलाकात एवं मरियम दर्शन पानेवालों की समाधियों की भेंट


फातिमा मरियम तीर्थ पर, गुरुवार प्रातः, ख्रीस्तयाग समारोह के बाद, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कुछ समय रोगियों के साथ व्यतीत किया तथा उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया। रोगियों से उन्होंने कहा कि अपनी पीड़ाओं को वे ख्रीस्त की पीड़ा में पहचान कर अपने जीवन को अर्थगर्भित एवं सकारात्मक बना सकते हैं। उन्होंने कहा, "आप बेकार अथवा व्यर्थ महसूस करने की भावना को पराजित कर सकते हैं जो व्यक्ति को अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है तथा उसे ऐसा महसूस कराती है मानों वह अन्यों पर बोझ हो, वस्तुतः जब पीड़ा ख्रीस्त के साथ संयुक्त होकर जी जाती है तब आप अपने भाइयों की मुक्ति में येसु की मदद करते हैं।"

ख्रीस्तयाग समारोह के बाद सन्त पापा ने मरियम दर्शन पानेवाले फ्राँसिसको, जसिन्ता तथा लूसिया की समाधियों पर श्रद्धान्जलि अर्पित की। 11 वर्ष की आयु में फ्राँसिसको का निधन सन् 1919 ई. में तथा दस वर्ष की आयु में उसकी छोटी बहन जसिन्ता का निधन सन् 1920 ई. में हो गया था जबकि लूसिया का निधन सन् 2005 में हुआ। सन् 2000 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने फाँसिसको एवं जसिन्ता को धन्य घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया था जबकि सि. लूसिया की धन्य घोषणा हेतु लिरिया -फातिमा धर्मप्रान्त ने उनके प्रकरण पर अध्ययन आरम्भ कर दिया है।








All the contents on this site are copyrighted ©.