फातिमा, पुर्तगाल ख्रीस्तयाग के समय संत पापा का प्रवचन
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने फातिमा स्थित मरियम तीर्थालय के प्रांगण में 13 मई को आयोजित
समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की जिसमें लगभग 4 लाख तीर्थयात्री शामिल हुए। इस अवसर
पर प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि वे भी असंख्य तीथर्यात्रियों के साथ मानव परिवार
के लिए प्रार्थना करने आये हैं जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों और पीड़ाओं से पीडि़त
है। पुरोहितों को समर्पित वर्ष में वे पुरोहितों, धर्मसमजियों, मिशनरियों और सब लोगों
को माता मरियम की संरक्षण के सिपुर्द करते हैं जो अपने भले कामों द्वारा ईश्वर के घर
को स्वागत तथा परोपकार का स्थल बनाते हैं। संत पापा ने कहा कि ईश्वर पर विश्वास हमारे
सामने निश्चित आशा का क्षितिज खोलता है जो व्यक्ति को निराश नहीं करता, बिना भय अपने
जीवन की नींव डालने के लिए ठोस बुनियाद देता तथा विश्व को धारण करनेवाले प्रेम से भरे
हाथों में विश्वास से भरे आत्मसमर्पण की माँग करता है। उन्होंने कहा कि 93 वर्ष पूर्व
तीन चरवाहे बालकों ने मरियम दर्शन पाया जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को ईश्वर को समर्पित
कर दिया तथा ईश्वर की प्रेम की खातिर इसे अन्यों के साथ पूरी तरह बाँटा। माता मरियम ने
सार्वभौमिक प्रेम के लिए उनके दिल को खोलने में उनकी सहायता की। धन्य जसिंता ने पापियों
के मनपरिवर्तन के लिए त्याग बलिदान किया।
संत पापा ने कहा कि केवल भ्रातृत्वमय
उदार प्रेम के द्वारा ही हम प्रेम और शांति वाली सभ्यता का निर्माण करने में सफल हो सकेंगे।
ऐसे समय में जब मानव जाति देशों, जातियों, विचार धाराओं, समूहों और निजी व्यक्तियों के
क्षुद्र और स्वार्थी हितों के लिए सबकुछ को चढ़ा देना चाहती थी स्वर्ग से धन्य माता मरियम
आई, ताकि उनसबलोगों के दिलों में ईश्वर के प्रेम की गहरी छाप स्थापित कर सकें जो उनपर
भरोसा करते हैं। ऐसे समय में केवल तीन बच्चों के द्वारा तथा उनके जीवन उदाहरणों का व्यापक
प्रसार हुआ, कुँवारी मरियम की प्रतिमा की तीर्थयात्राओं द्वारा पवित्रता का प्रसार हुआ
और असंख्य समूहों ने भ्रातृत्वमय सह्दयता के प्रसार के लिए काम किया। मरियम दर्शन के
शताब्दी समारोह आयोजित किये जाने में सात साल बाकी हैं यह समय पवित्र त्रित्व की महिमा
और मरियम के निष्कलंक ह्दय की जीत संबंधी भविष्यवाणी को पूरा कराने में मदद करे।