2010-05-12 16:31:32

लिस्बन में ख्रीस्तयाग के समय संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने लिसबन के तेर्रियेरो दे पासो मैदान में मंगलवार सन्ध्या ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रवचन करते हुए कहा कि पुर्नजीवित ख्रीस्त द्वारा शिष्यों के लिए कहे गये संदेश- मैं संसार के अंत तक सदा तुम्हारे साथ हूँ , इन शब्दों की लिस्बन शहर में विशेष सार्थकता है। इस शहर से पीढ़ी दर पीढ़ी ख्रीस्तीयों ने- धर्माध्यक्ष, पुरोहित, समर्पित लोग तथा लोकधर्मी, महिला और पुरूष, युवाओं तथा किशोरों ने बड़ी संख्या में प्रभु के आह्वान को पूरा करने के लिए यात्राएँ की हैं। पुर्तगाल के मिशनरियों का मिशनरी समर्पण सराहनीय है। विश्व के पाँचो महाद्वीपों में मसीही विश्वास के प्रसार की सेवा में लगे देशों के मध्य पुर्तगाल का गौरवमय स्थान है। अनेक स्थानीय कलीसियाएँ अपनी उत्पत्ति का श्रेय पुर्तगाली मिशनरी गतिविधियों को देती हैं।
संत पापा ने कहा कि आज पुर्तगाल यूरोपीय समुदाय की रचना करने में अपनी भूमिका अदा करता है तो आप अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक अस्मिता का योगदान देते हैं। कलीसिया में ख्रीस्त की उपस्थिति को लोग बहुत बार हल्के से लेते हैं। हम जानते हैं कि कलीसिया में कुछ झगड़ालू तथा विद्रोही संतान हैं लेकिन कलीसिया संतों में ही अपनी चारित्रिक विशिष्टता को देखती और पहचानती है। वह संतों में ही गहनतम खुशी का अनुभव पाती है।
संत पापा ने कहा कि हम विश्वास की साक्षी देते समय सामाजिक सांस्कृतिक और राजनैतिक परिणामों के प्रति चिंतित रहते हैं। शायद हम कलीसियाई संरचनाओं और कार्यक्रमों पर, सत्ता और गतिविधियों के वितरण पर अत्यधिक भरोसा करते हैं लेकिन क्या होगा यदि नमक अपना गुण खो दे। ऐसा नहीं हो इसके लिए यह जरूरी है कि ख्रीस्त की मृत्यु और पुनरूत्थान की घटनाओं, हमारे विश्वास के मूल आधार के बारे में नवीन उत्साह और आनन्द के साथ घोषणा करें। ख्रीस्त का पुनरूत्थान हमें आश्वासन देता है कि बुराई कदापि कलीसिया को नष्ट नहीं कर सकेगा। ख्रीस्त की उपस्थिति पर कदापि शक नहीं करें, हमेशा प्रभु की खोज करते रहें। उनके साथ मित्रता में बढ़े, परमप्रसाद में उन्हें ग्रहण करें। उनके वचन को सुनें तथा निर्धनों में उन्हें पहचानें। अपने जीवन को आनन्द और उत्साह से जीयें। उनकी उपस्थिति, उदार मित्रता, क्रूस की मृत्यु तक निष्ठावान रहनेवाली विश्वसनीयता के प्रति सुनिश्चित रहें। उसी आनन्द की साक्षी देते रहें। यह बतायें कि येसु के मित्र होना सुन्दर है तथा उनका अनुसरण करना महत्वपूर्ण है। अपने उत्साह से प्रदर्शित करें कि संसार द्वारा अर्पित विभिन्न प्रकार की जीवन शैलियों में जो कि एक ही स्तर की प्रतीत होती हैं केवल येसु का अनुसरण करने से ही हमें जीवन का सच्चा अर्थ और सत्य तथा दीर्घकालीन आनन्द मिल सकता है।








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