बेल्जियम में काथलिक कलीसिया की वर्तमान आंतरिक स्थिति पर महाधर्माध्यक्ष आन्द्रे मुतिन
जोसेफ लेयोनार्द ने लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र के साथ अपने विचार व्यक्त करते हुए
पुरोहितों के प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मचर्य यौन दुराचार
का कारण नहीं है तथा भावी त्रासदियों से बचने के लिए पुरोहिताई प्रशिक्षण पर और अधिक
ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों के साथ यौन दुराचार के मामलों से जुड़े सवाल के जवाब
में महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि मामलों का अनुसंधान करना हमेशा कठिन रहा है तथापि उनका
दृढ़ मत है कि ब्रह्मचर्य पुरोहितों के लिए असंतुलन का स्रोत नहीं लेकिन कृपाओं का स्रोत
है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति विवाह को मानसिक असंतुलन का स्रोत नहीं कहता है जबकि
बाल यौन दुराचार के अधिकांश मामले घरों या परिवारों में होते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति
का निजी विकास समस्या है और यह एक अतिरिक्त कारण है कि पुरोहितों के प्रशिक्षण पर और
अधिक ध्यान देने तथा पुरोहिताई के उम्मीदवार के भावात्मक संतुलन पर और अधिक महत्व देने
की जरूरत है। भविष्य में बाल यौन दुराचार की समस्या को रोकने के लिए उन्होंने कहा कि
भावी पुरोहितों के प्रशिक्षण के आरम्भिक दिनों में ही और अधिक ध्यान दिये जाने की जरूरत
है। इसके साथ ही गुरूकुल छात्रों की सहायता करनेवाले प्रशिक्षकों को भी मदद की जाएगी
ताकि वे पुरोहित उम्मीदवारों के स्वभाव और व्यक्तित्व को समझ सकें एवं बेहतर संतुलन बना
सकें। महाधर्माध्यक्ष ने जोर दिया कि ब्रह्मचर्य पुरोहितों के लिए असंतुलन का नहीं लेकिन
कृपाओं का स्रोत है।