भारतः धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत फिर अमरीका की "वॉच लिस्ट" पर
अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अमरीकी आयोग की, हाल में प्रकाशित, वार्षिक
रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी
"वॉच लिस्ट" पर है।
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सरकार ने स्वीकार किया है कि विभिन्न
स्तरों पर देश में सम्प्रदायिक हिंसा हुई है जिसे समाप्त करने के लिये उसने कुछ उपाय
भी किये हैं किन्तु जो अपर्याप्त रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि साम्प्रादायिक हिंसा
के शिकार बने लोगों को न्याय मिलने में बहुत विलम्ब होता है जिससे अपराधियों का हौसला
बढ़ता तथा हिंसा को प्रश्रय मिलता है। यद्यपि विगत वर्ष ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों के
विरुद्ध सन् 2008 के मुकाबले आक्रमण नहीं हुए तथापि उनके आराधना स्थलों पर हमले जारी
रहे तथा असहिष्णुता की कई घटनाएं देखी गई।
आगरा के महाधर्माध्यक्ष आलबर्ट डिसूज़ा
ने एशिया समाचार से इस विषय में कहा कि भारत बहु धर्मों एवं बहुसंस्कृतियों वाला सहिष्णु
देश है किन्तु कुछेक रूढ़िवादी एवं चरमपंथी दल अपने स्वार्थ के लिये साम्प्रदायिक हिंसा
को उकसाते तथा शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को भंग करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान
प्रत्येक नागरिक को धर्म पालन की स्वतंत्रता का आश्वासन देता है किन्तु दुर्भाग्यवश रूढ़िवादी
एवं चरमपंथी राजनैतिक शक्तियाँ ग़लतविचार धाराओं का प्रचार कर हिंसा को भड़कातीं तथा
स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं।