2010-05-03 20:40:15

दुःख पुनरुथान से बड़ा से बड़ा नहीं


ट्यूरिन इटली, 3 मई, 2010 सोमवार (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अपने एकदिवसीय दौरे के तहत् ट्यूरिन पहुँचने पर बीमारों और दुःखित लोगों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि दुःखों का अंत होना निश्चित है। उन्होंने कहा जीवन के दुःखों को येसु के पुनरुत्थान के परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिये।

संत पापा ने ‘हाउस ऑप डिवाइन प्रोविडेंस’ के संस्थापक फादर कोत्तोलेंगो की याद करते हुए कहा कि वे ईश्वरीय प्रेम के प्रचार के बड़े समर्थक थे। फादर कोत्तोलेंगो ने गरीबों में येसु के चहरे को देखने की शक्ति थी।

वे कहा करते थे कि ग़रीब और ज़रूरतमंद लोग येसु की तस्वीर नहीं हैं वे मानव रूप में ईसा-मसीह ही हैं। और इसीलिये हमें उनकी सेवा करनी चाहिये। ग़रीब ही हमारे मालिक हैं।

संत पापा ने कहा कि जब हम येसु के साथ मिलकर दुःख उठाते हैं तब हम येसु के मुक्ति रहस्य में शामिल होते हैं।

संत पापा ने बल देकर कहा कि दुःख, बुराई और मृत्यु का विनाश होगा क्योंकि येसु मसीह न इस पर विजय प्राप्त की है। संत पापा ने उपस्थित बीमारों और दुःखियों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि दुःखों से नया जीवन आरंभ होता है जिसे येसु ने करके दिखाया है।








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