2010-04-28 11:45:50

वाटिकन सिटीः वाटिकन की वार्षिकी प्रकाशित


वाटिकन प्रकाशन केन्द्र ने मंगलवार को वाटिकन की वार्षिकी प्रकाशित कर दी जिसके अनुसार विश्व में आज काथलिक धर्मानुयायियों की संख्या एक अरब, एक करोड़ साठ लाख है। वार्षिकी में सन् 2000 से लेकर 2008 तक काथलिक कलीसिया के बारे में सूचना सम्मिलित है।

विगत नौ वर्षों में काथलिक धर्मानुयायियों की संख्या एक अरब पैंतालीस लाख से एक अरब, एक करोड़ साठ लाख हो गई है अर्थात् 11.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गई। विश्व के विभिन्न महाद्वीपों की सांख्यिकी के अनुसार अफ्रीका में काथलिक धर्मानुयायियों की संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई, यूरोप में लगभग पहले के समान रही जबकि एशिया में 15.61 प्रतिशत, ओसियाना में 11.39 प्रतिशत तथा अमरीका में 10.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

विश्व में धर्माध्यक्षों की संख्या सन् 2000 में 4,541 थी जो सन् 2008 में 5,002 हो गई। विगत नौ वर्षों में पुरोहितों की संख्या भी बढ़ी है जो चार लाख 5,178 से चार लाख 9,166 हो गये हैं। ग़ौरतलब है कि अफ्रीका एवं एशिया में पुरोहितों की संख्या में क्रमशः 33 प्रतिशत एवं 23.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि अमरीका में संख्या पूर्व की तरह रही तथा यूरोप में सात प्रतिशत एवं ओसियाना में चार प्रतिशत घट गई।

धर्मसंघियों की संख्या सन् 2000 में 55,057 थी जो सन् 2008 में घट कर 54,641 रह गई है। इस क्षेत्र में यूरोप में 16.57 प्रतिशत तथा ओसियाना में 22.6 प्रतिशत धर्मसंघियों की संख्या घटी। अमरीका में वह पूर्व की तरह रही जबकि एशिया में 32 प्रतिशत तथा अफ्रीका में 10.47 प्रतिशत तक बढ़ी।

धर्मबहनों की संख्या सन् 2000 में आठ लाख थी जो सन् 2008 में घट कर सात लाख चालीस हज़ार रह गई है। भौगोलिक दृष्टि से विश्व की 41 प्रतिशत धर्मबहनें यूरोप में, 27.47 प्रतिशत अमरीका में, 21.77 प्रतिशत एशिया में तथा 1.28 प्रतिशत धर्मबहनें ओसियाना में निवास करती हैं।

वाटिकन की वार्षिकी में धर्मप्रान्तों एवं धर्मसमाजों द्वारा संचालित गुरुकुलों में अध्ययनरत गुरुकुल छात्रों के बारे में भी सूचना दी गई है। विश्वव्यापी स्तर पर गुरुकुल छात्रों की संख्या विगत नौ वर्षों में 1,10,583 से 1,17,024 हो गई है। अफ्रीका एवं एशिया में यह संख्या बढ़ी है जबकि यूरोप में वह घटी है।








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