2010-04-27 11:48:24

भूबनेश्वरः कलीसियाई नेताओं की चिन्ता का कारण बनी दंगाग्रस्त क्षेत्रों से महिलाओं की तस्करी


उड़ीसा के दंगाग्रस्त क्षेत्रों से महिलाओं की तस्करी में नित्य होती वृद्धि के प्रति कलीसियाई नेताओं ने चिन्ता जताई है। सन् 2008 में उड़ीसा का कन्धामाल ज़िला ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा का केन्द्र बना था।
बेहरामपुर के प्रॉटेस्टेण्ट धर्माध्यक्ष सरत चन्द्र नावक के अनुसार कलीसियाई नेताओं ने हिंसा पीड़ित कन्धामाल ज़िले से अनेक किशोरियों एवं युवतियों का व्यापार होते देखा है जिसके प्रति वे अत्यधिक चिन्तित हैं।
धर्माध्यक्ष ने ऊका समाचार को बताया कि सन् 2008 में हिन्दु चरमपंथी हिंसा का शिकार बने कन्धामाल ज़िले के ख्रीस्तीयों के पास जीविका के कोई साधन नहीं बचे हैं तथा उनके पास न तो नौकरी है और न ही कृषि के लिये उपयुक्त साधन। इस स्थिति में सुरक्षा एवं खाद्य के लिये संघर्ष करते परिवार तस्करों के चँगुल में आसानी से फंस रहे हैं जो युवतियों को नौकरी, घर एवं बेहतर जीवन की आशा दिलाकर अन्यत्र ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल अधूरा छोड़कर युवा व्यक्ति अपने परिवारों के ख़ातिर त्याग हेतु तैयार हो जाते हैं।
उड़ीसा के काथलिक धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष राफायल चीनत ने कहा कि उत्पीड़न एवं हिंसा ने ख्रीस्तीयों का जीवन नष्ट कर दिया है। उन्होंने ख्रीस्तीय युवाओं से आग्रह किया कि वे तस्करों की झूठी प्रतिज्ञाओं के प्रति सचेत रहें तथा उनके चँगुल में पड़ें।








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