2010-04-24 19:57:12

बच्चों की मर्यादा की रक्षा की जाने की ज़रूरत


जेनेवा, 24 अप्रैल, 2010 शनिवार (ज़ेनित) बच्चों को यौन दुराचार से तो बचाया ही जाना चाहिये पर इससे भी बढ़कर इस बात की ज़रूरत है कि उनकी मर्यादा की रक्षा की जानी चाहिये।
बच्चों के अधिकारों की बातें करते हुए इंटरनैशलन कैथोलिक चाइल्ड ब्यूरो ने उक्त प्रस्ताव उस समय रखे जब जेनेवा में पिछले सप्ताह ब्यूरो ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूरे समाज को एक ऐसा संस्कार दिया जाना चाहिये की लोग बच्चों की मर्यादा और अधिकारों की रक्षा के लिये कार्य करें।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि हर तरह के यौन-दुराचारों के लिये जो भी व्यक्ति ज़िम्मेदार हों इसकी निन्दा होनी ही चाहिये। ब्यूरो ने पुरोहितों के द्वारा किये गये यौन-दुराचार पर भयाकुलता व्यक्त की है।
इसने कहा कि इस संबंध में जो भी इसके आरोपी है उन्हें अदालत के समक्ष लिया जाना चाहिये और अगर अदालत ने उन्हें दोषी पाया तो उन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिये।
ब्यूरो ने कहा है कि सभी संस्थाओं को चाहिये कि वे बच्चों को यौन-दुराचार से बचाने और इस रोकने के लिये अपने स्तर से कदम उठायें।
विज्ञप्ति ने इस बात की प्रसन्नता ज़ाहिर की कि वाटिकन ने एक निर्देशका जारी किया है जिससे यौन- दुराचार से पीड़ित लोगों को न्याय प्राप्त हो पायेगा।
ब्यूरो ने माँग कि है कि लोग संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अनुच्छेद 19 और 34 में प्रस्तावित बच्चों के अधिकारों को लागू करने में सहयोग करें। इसके तहत् राज्यों का यह कर्त्तव्य है कि वे बच्चों को सुरक्षा प्रदान करें और किसी भी तरह के यौन दुराचार से बच्चों को बचायें।
विदित हो कि इंटरनैशलन कैथोलिक चाइल्ड ब्यूरो बच्चों के हितों की रक्षा के लिये संत पापा पीयुस बारहवें द्वारा संस्थापित काथलिक कलीसिया की संस्था है जो बच्चों की सुरक्षा के लिये कार्य करती है।








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