फिल्म द लास्ट अपील को दो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार मिले
भारत में विजयवाड़ा धर्मप्रांत के पुरोहित फादर बाला शौरी उदुमाला द्वारा निर्मित 35
मिनट की द लास्ट अपील नामक फिल्म को दो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार प्रदान
किये गये हैं। लास वेगास इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2009 में इसी माह द लास्ट अपील फिल्म
को ओफिशियल फिनालिस्ट अवार्ड पुरस्कार दिया गया जबकि मेक्सिको इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल
में इस फिल्म को स्टूडेंट श्रेणी में द सिल्वर पाम अवार्ड प्रदान किया गया। प्रत्येक
फिल्म समारोह में लगभग 50 देशों से 200 फिल्म प्रदर्शित किये गये थे। फादर उदुमाला द्वारा
निर्मित फिल्म एक ग्रामीण लड़की हेलेन कोवालस्का की सत्य कथा को दिखाती है जो बाद में
पोलैंड के एक कानवेन्ट में धर्मबहन बन जाती है। येसु ने उसे ईश्वर की दिव्य करूणा का
संदेशवाहक बनने के लिए चुना। इस फिल्म में हेलन के संघर्षों को दिखआया गया है कि 20 वीं
सदी में पोलैंड के एक कानवेन्ट में धर्मबहन के सामान्य जीवन के द्वारा ईश्वर के संदेश
को व्यक्त करती है। फिल्म में हेलन को मिले दिव्य दर्शन और प्रकाशना को भी दिखाया गया
है। अंग्रेजी और स्पानी सहित अनेक भारतीय भाषाओं में इस फिल्म का अनुवाद किया गया है।
इस फिल्म के हिन्दी संस्करण का हाल ही में मुम्बई के कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने जबकि
तेलगु संस्करण का विजयवाड़ा में धर्माध्यक्ष प्रकाश मल्लावारापु ने लोकार्पण किया था।
फिल्म की समीक्षा में कहा गया है कि द लास्ट अपील ईश्वर की दिव्य करूणा का प्रभावी संदेश
देता है तथा इसने करोड़ो लोगों के दिल को छुआ है। फिल्म की वितरक विजन विडियो नामक प्रोटेस्टं
कम्पनी है जिसने बेल्ला तथा द नेटेविटी स्टोरी जैसी फिल्मों का वितरण किया था। फादर उदुमाला
ने सन 2008 में लोस एंजेलस के लोयोला मेरी माउन्ट यूनिवर्सिटी से फिल्म और टेलिविजन प्रोडक्शन
में डिग्री प्राप्त करने के बाद इस फिल्म का निर्माण किया है। इस फिल्म को अमरीका के
सबसे बड़े काथलिक टेलिविजन चैनल इटरनल वर्ड टेलिविजन चैनल ने 11 अप्रैल को प्रसारित किया
था।