संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार को वालेत्ता बन्दरगाह पर माल्टा के युवाओं को दिये
संदेश में कहा कि इस विशिष्ट वर्षगाँठ में हम ईश्वर को धन्यवाद देते हैं प्रेरित संत
पौलुस को इन द्वीपों पर भेजने के लिए जो हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के सुसमाचार को प्राप्त
करनेवाले प्रथम में से थे। संत पौलुस कलीसिया के शत्रुओं में से एक थे लेकिन दमिश्क
के रास्ते में येसु के साथ निजी साक्षात्कार होने के बाद उनका पूरा जीवन बदल गया। वे
उनके शिष्य और बाद में एक महान प्रेरित और मिशनरी बन गये।
संत पापा ने कहा कि
येसु के साथ प्रत्येक निजी साक्षात्कार प्रेम का विस्मयकारी अनुभव है। संत पौलुस ने स्वीकार
किया कि शुरू में वे कलीसिया से नफरत करते थे लेकिन उनका नफरत येसु के प्रेम की शक्ति
से पूरी तरह बदल गया। उनके जीवन के शेष दिनों में उस प्रेम के समाचार को पृथ्वी के अंतिम
छोर तक पहुँचाने के लिए उन्में तीव्र उत्कंठा रही।
संत पापा ने युवाओं से कहा
कि ईश्वर हम में से प्रत्येक जन से उसी तीव्रता और गहराई से प्रेम करते हैं जितना हम
कल्पना भी नहीं कर सकते हैं और जब ऐसा प्रतीत होता है कि संत पौलुस की शिक्षा कठिन है
तो इसका कारण है कि ईश्वर हमें हमारी गल्तियों और त्रुटियों से शुद्ध करना चाहते हैं
और हमें सदगुणों में बढ़ाना चाहते हैं ताकि हम भरपूर जीवन जी सकें। ईश्वर और कलीसिया
किसी का बहिष्कार नहीं करते लेकिन अपने महान प्रेम के कारण ईश्वर हम सबको चुनौती प्रदान
करते हैं ताकि हम बदलें एवं और अधिक पूर्ण बन जायें। जो ख्रीस्त का अनुसरण करना चाहते
हैं वे नहीं डरें।
संत पापा ने आगे कहा कि वर्तमान संस्कृति प्रत्येक संस्कृति
के समान ही वैसे विचारों और मूल्यों का प्रसार करती है जो हमारे प्रभु द्वारा जीये और
प्रचार किये गये मूल्यों से भिन्न होते हैं। बहुत बार वे ख्रीस्तीय विश्वास के विरोधी
समूहों द्वारा मीडिया और सामाजिक दबाव के माध्यम से बहुत ही असरकारी रूप में प्रस्तुत
की जाती हैं। वे सबसे कहना चाहते हैं कि नहीं डरें लेकिन ईश्वर के प्रेम में आनन्द मनायें,
उनपर भरोसा करें शिष्य बनने के लिए दिये गये बुलावे का जवाब दें। वे कलीसिया के संस्कारों
के द्वारा आध्यात्मिक चंगाई और पोषण प्राप्त करें।
संत पापा ने कहा कि माल्टावासी
अपनी ख्रीस्तीय संस्कृति तथा ख्रीस्तीय विश्वास और मूल्यों में गहरी जड़ जमाये समाज के
प्रति गर्व महसूस करें। वे गर्भपात और तलाक को स्वीकार नहीं कर अजन्मे शिशुओं और स्थायी
परिवार की रक्षा और प्रसार करनेवाले देश के रूप में अपने देश पर अभिमान करें एवं जीवन
की पवित्रता तथा स्वस्थ समाज के लिए विवाह और पारिवारिक जीवन की केन्द्रीयता का साहसपूर्ण
साक्ष्य दें ताकि अन्य देश भी उनके ख्रीस्तीय उदाहरण से सीख सके।
संत पापा ने
युवाओ से कहा कि धर्मसमाजी और पौरोहितिक जीवन जीने के लिए ईश्वर से प्राप्त होनेवाले
बुलावे के लिए स्वयं को खुला रखें। माल्टा ने अनेक पुरोहितों और धर्मसमाजियो को कलीसिया
की सेवा तथा विश्व के विभिन्न भागों में सुसमाचार प्रसार के लिए दिया है। युवा जन बीमारों,
वंचितों तथा जरूरतमंद लोगों की सेवा और सहायता करने के लिए तत्पर रहें ताकि उनकी मर्यादा
और जीवन की गुणवत्ता का प्रसार हो। वे सबके प्रति मैत्री का हाथ बढ़ायें एवं ख्रीस्त
के घनिष्ठ मित्र बनने से नहीं डरें।