2010-04-18 12:46:03

माल्टा में बेनेडिक्ट 16 वें की दो दिवसीय यात्रा शुरु


सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने शनिवार अपराह्न, रोम समयानुसार, साढ़े तीन बजे, रोम के फ्यूमीचीनो हवाई अड्डे से माल्टा द्वीप के लिये प्रस्थान किया। 17 एवं 18 अप्रैल यानि शनिवार एवं रविवार को सम्पन्न होनेवाली सन्त पापा की दो दिवसीय यात्रा का प्रमुख उद्देश्य काथलिक बहुल देश माल्टा के काथलिक धर्मानुयायियों को, वर्तमान जगत की चुनौतियों के बावजूद, उनके विश्वास में सुदृढ़ करना है।

माल्टा इटली तथा उत्तरी अफ्रीका के टूनिसिया देश के बीच बसा भूमध्यसागर का द्वीप देश है जिसके क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत निकटवर्ती गोज़ो एवं केमुना सहित अन्य छोटे छोटे द्वीप भी आते हैं। माल्टा स्थित वालेत्ता प्राकृतिक बन्दरगाह होने के कारण लगभग 800 वर्ष ईसा पूर्व फेनिख तथा ग्रीक व्यापारियों के लिये शरणस्थल बना रहा जिसके उपरान्त 218 वर्ष ईसा पूर्व रोमी साम्राज्य ने इस पर कब्ज़ा कर लिया। तदोपरान्त सन् 1090 ई. तक यह अरबों के अधीन रहा। अपने बन्दरगाह के कारण व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण बने माल्टा पर नोरमान्नी, आरागोना तथा तुर्कियों का कब्ज़ा रहने के बाद सन् 1530 ई. में सम्राट चार्ल्स पंचम ने इसका कार्यभार नाईट ऑफ माल्टा यानि माल्टा के सामंतों के सिपुर्द कर दिया था किन्तु सन् 1798 ई. में सामंतों की तटस्थता का उल्लंघन करते हुए नेपोलियन बोनापार्ट ने माल्टा पर कब्ज़ा कर लिया था। सन् 1814 ई. में पेरिस समझौते के अनुसार माल्टा ब्रिटेन की महारानी के अधीन कर दिया गया तथा सन् 1964 तक ब्रिटेन का उपनिवेश द्वीप बना रहा। सन् 1964 ई. में माल्टा ने स्वतंत्रता हासिल की तथा माल्टा गणतंत्र का निर्माण हुआ।

माल्टा की कुल आबादी 4,43.000 है जिनमें 94 वे प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी हैं। अधिकांश जनता शहरों में निवास करती है। वालेत्ता माल्टा की राजधानी है जबकि यहाँ के अन्य प्रमुख नगर हैं मेदिना, राबात, फ्लोरियाना, सेंग्लिया आदि। मालटीज़ यहाँ की आधिकारिक भाषा है तथापि अँग्रेज़ी का बहुत चलन है। सन् 2004 से माल्टा यूरोपीय संघ का सदस्य देश है तथा सन् 2009 से यहाँ यूरोपीय संघ की मुद्रा "यूरो" का उपयोग शुरु हो गया था।

महाधर्मप्रान्त के वकतव्य के अनुसार माल्टा के काथलिक धर्माध्यक्षों एवं माल्टा के राष्ट्रपति जॉर्ज आबेला के निमंत्रण पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें देश की दो दिवसीय यात्रा कर रहे हैं। माल्टा में काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष द्वारा सम्पन्न यह तीसरी प्रेरितिक यात्रा होगी। इससे पूर्व सन् 1990 में तथा सन् 2001 में स्व सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने माल्टा की यात्राएँ की थीं।








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