कोलकाता, 29 मार्च, 2010 सोमवार (उकान) कोलकाता महाधर्मप्रांत के विकर जेनरल मोहनदास
के नेतृत्व में 28 करीब 300 लोकधर्मियों, धर्मसमाजियों और धर्मबहनों ने कोलकाता के स्तीफन
कोर्ट में लगे आग के शिकार हुए लोगों के लिये प्रार्थनायें कीं। 87 वर्षीय बहुमंजिला
स्टीफन कोर्ट इमारत जेस्विट प्रोविंशल हाउस के निकट तेरेसा सरानी या पार्क स्ट्रीट के
निकट है। प्रार्थना सभा का संचालन करते हुए फादर मोहनदास ने बाइबल से स्त्रोत्र पाठ किये।
उन्होंने आगजनी की घटना से मरे हुए लोगों के लिये प्रार्थनायें कीं और ईश्वर से निवेदन
किया कि वे मृतकों को अनन्त शांति प्रदान करें और घायलों को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त
हो। ‘चर्च ऑफ नोर्थ इंडिया’ के धर्माध्यक्ष पारिमी सामूएल ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों
को चाहिये कि वे एक ऐसा दल का गठन करें जो आपातकालीन स्थिति में लोगों की मदद कर सकें।
इस प्रार्थना सभा में कई ऐसे लोग उपस्थित थे जिनकी जानें बाल-बाल बच गयीं। विदित
हो कि कोलकाता के भीड़ भाड़ वाले इलाक़े पार्क स्ट्रीट की एक बहुमंज़िला इमारत में लगी
भयंकर आग में मरने वालों की संख्या 24 हो गई है. अब भी कई लोग लापता हैं।
कोलकाता
के आयुक्त गौतम चक्रवर्ती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आग बुझने के बाद तलाशी में
कई लोगों के शव मिले हैं।उन्होंने स्वीकार किया कि कई लोग लापता हैं और उनकी तलाश की
जा रही है.
आग पार्क स्ट्रीट स्थित स्टीफ़न कोर्ट की पांचवीं मंज़िल पर लगी जो
बाद में और मंज़िलों में भी फैल गई। दमकल विभाग का कहना है कि आग पर काबू पाने में लगभग
छह घंटे लगे।
इस दुर्घटना में अधिकतर लोगों की मौत धुएँ के कारण दम घुटने अथवा
घबराहट में इमारत की पहली अथवा दूसरी मंज़िल से नीचे कूदने के कारण हुई.
कुछ लोगों
की जान आग में झुलसने से हुई जबकि कुछ की मौत छत से कूद पड़ने के कारण हुई। बलकनी से
उतरने की कोशिश में दो लोग गिर गए और तुरंत उनकी मौत हो गई।
दमकल की 25 गाड़ियों
का इस्तेमाल किया गया लेकिन हाई़ड्रॉलिक सीढ़ियाँ देर से पहुँचने के कारण बचाव कार्य
में काफ़ी बाधा आई.
दमकलकर्मियों ने हाइड्रोलिक सीढ़ियों की मदद से इमारत में
फँसे क़रीब 40 लोगों को बचाया । इस इमारत में फलरीज रेस्त्रां, म्यूजिक वर्ल्ड और पीटर
कैट सहित कई जानी-मानी विज्ञापन कंपनियों के दफ़्तर हैं।
पिछले दो वर्षों में
कोलकाता में आग लगने की 10 बड़ी घटनाएँ हो चुकी हैं। हाल ही में आग लगने की एक घटना में
झुग्गियों की पूरी बस्ती जल कर राख हो गई थी।