कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि भारतीय मीडिया द्वारा संत पापा और यौन दुराचार के मामलो
में प्रकाशित रिपोर्ट लोगों को भ्रमित कर सकते हैं
भारत में मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ने प्रेस के नाम एक वक्तव्य जारी
कर कहा है कि संत पापा और यौन दुराचार के मामलो में भारतीय मीडिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट
लोगों को भ्रमित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संत पापा ने दुराचार के पीडि़तों के प्रति
कलीसिया की क्षमायाचना की है तथा विश्वास संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष रहते
हुए इसे रोकने के लिए स्पष्ट नियम जारी किये थे। इसलिए मीडिया संगठनों को रिपोर्टिंग
करते समय और अधिक यथार्थ होना चाहिए। कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक
मीडिया में आ रही रिपोर्टो के जवाब में वे कुछ स्पष्टीकरण देना चाहते हैं। उन्होंने कहा
कि संडे टाइम्स ओफ इंडिया के 14 मार्च के अंक में प्रकाशिक रिपोर्ट का शीर्षक सेक्स स्कैंडल
क्लोसेस इन ओन पोप ऐसी छाप छोड़ता है मानो सेक्स स्कैंडल में संत पापा शामिल हैं या कुछ
पुरोहितों द्वारा किये गये यौन दुराचार के मामलों में सत्य को छिपाने के अभियान में वे
शामिल हैं। अन्य पत्रकारों ने सुझाव दिया है कि संत पापा ने पीड़ितो और उनके परिजनों
से माफी माँगने के अतिरिक्त ठोस रूप से कोई कदम नहीं उठाये हैं। कार्डिनल महोदय ने कहा
कि यह तथ्य भी अधूरा और अयथार्थ है तथा कलीसिया में पुरोहितों द्वारा किये गये यौन दुराचार
के मामलों से जुड़े मुददों के समाधान की दिशा में संत पापा द्वारा किये गये व्यापक प्रयासों
की पूरी सच्चाई को बयान नहीं करता है। कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा सच्चाई यह है कि संत
पापा ने विश्वास संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष रहते समय यौन दुराचार के दोषियों
के खिलाफ और अधिक पारदर्शी जाँच करने तथा कड़ी कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट प्रक्रिया
संबंधी नियमों को जारी किया था। गौर किया जाये कि आयरलैंड के काथलिकों के नाम संत पापा
द्वारा 19 मार्च को जारी पूरे पत्र को भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई)
की वेबसाइट में पढ़ा जा सकता है जो 23 मार्च को पोस्ट किया गया है।