2010-03-22 16:35:02

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ रविवार 21 मार्च को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में उपस्थित देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व उन्हें इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
हम चालीसाकाल के 5 वें रविवार तक पहुँच चुके हैं जिसमें इस वर्ष पूजन धर्मविधि हमारे सामने सुसमाचार की उस घटना को प्रस्तुत करती है जिसमें येसु मृत्युदंड की सज़ा पानेवाली व्यभिचारिणी स्त्री को बचाते हैं। जब येसु मंदिर के प्रांगण में शिक्षा दे रहे थे तो शास्त्री और फरीसी येसु के पास एक महिला को लाते हैं जो व्यभिचार करते हुए पकड़ी गयी थी और जिसके लिए मूसा की संहिता के अनुसार पत्थरों से मार डालने का आदेश था। ये पुऱूष येसु को उस महिला का न्याय करने को कहते हैं ताकि येसु की परीक्षा लेकर उन्हें फंदे में फँसा लें। यह दृश्य अनेक नाटकों से भरा है। महिला का जीवन और येसु का अपना जीवन उनके ही शब्दों पर निर्भर करता है। दोषारोपण करनेवाले ढोंगी वास्तव में, यह दिखावा करते हैं कि वे येसु पर उनके निर्णय के लिए भरोसा करते हैं लेकिन वास्तव में वे उनपर दोष लगाना और उनका न्याय करना चाहते हैं, लेकिन येसु कृपा और सत्य से पूर्ण हैं। वे जानते हैं कि हर मनुष्य के दिल में क्या है। वे पाप की भर्त्सना करते हैं लेकिन पापी को बचाना चाहते हैं और दिखावा पर से पर्दा उठाना चाहते हैं। सुसमाचार लेखक संत योहन ने इस का विस्तार से वर्णन किया है। जब दोषारोपण करनेवाले लगातार उनसे सवाल पूछ रहे हैं येसु झुक कर जमीन पर अपनी उँगली से लिख रहे हैं। संत अगुस्तीन के अनुसार यह भाव भंगिमा दिखाती है कि येसु दिव्य कानूनदाता हैं। वस्तुतः ईश्वर ने विधान को अपनी ऊँगली से पत्थर की पाटी पर लिखा। इस प्रकार येसु संहिता देनेवाले हैं, देहधारी न्याय हैं। उनका क्या निर्णय है- तुम में से जो निष्पाप हो, वह इसे सब से पहले पत्थर मारे।

ये शब्द, सत्य की निशस्त्र करनेवाली शक्ति से भरे हैं जो ढोंग की दीवार को चूर चूर कर देते है तथा अंतःकरण को उच्चतर न्याय, प्रेम के लिए खोलते है जहाँ हर आज्ञा की परिपूर्णता होती है। यह न्याय ही है जिसने तारसुस के सौल को बचाया। उसे संत पौल में पूरी तरह बदल दिया। जब दोषारोपण करनेवाले बड़ों से लेकर छोटों तक सब एक एक कर चले गये येसु ने महिला को, उसके पापों को क्षमा देकर उसे एक नये जीवन जीने का परिचय दिया जो भलाई की ओर उन्मुख है। मैं भी तुम्हें दंड नहीं दूँगा, जाओ और अब से फिर पाप नहीं करना। यही वह कृपा है जो प्रेरित पौलुस को यह कहने के लिए कहती हैः- मैं इतना ही कहता हूँ कि पीछे की बातें भुलाकर और आगे की बातों पर दृष्टि लगाकर मैं बड़ी उत्सुकता से अपने लक्ष्य की ओर दौड़ रहा हूँ ताकि स्वर्ग में वह पुरस्कार प्राप्त कर सकूँ जिसके लिए ईश्वर ने हमें ईसा मसीह में बुलाया है।

ईश्वर हमारे लिए केवल भलाई और जीवन चाहते हैं। अपने पुरोहितों और प्रेरितों के द्वारा हमारी आत्मा की मुक्ति के लिए कृपा उपलब्ध कराते हैं, हमें मेल मिलाप संस्कार के द्वारा बुराई से मुक्त करते हैं ताकि एक जन भी खो नहीं जाये लेकिन सबके लिए मनपरिवर्तन का मार्ग हो। पुरोहितों के इस वर्ष में मैं पुरोहितों को प्रोत्साहन देता हूँ कि मेलमिलाप का संस्कार प्रदान करते समय आर्स के पल्ली पुरोहित का अनुसरण करें ताकि विश्वासी इसके अर्थ और इसके सौंदर्य की पुर्नखोज कर सकें, ईश्वर के उदार प्रेम से पुनः चंगा हो सकें जो पाप को भूलने के लिए स्वयं पर जोर देते हैं ताकि वे हमें अपनी क्षमा दे सकें।

प्रिय मित्रो, प्रभु येसु से हम यह सीखें कि अपने पड़ोसियों की भर्त्सना नहीं करें और उनपर दोषारोपण नहीं करें। हम अपने से ही आरम्भ कर पाप के प्रति अनम्य बनना सीखें और दूसरों के प्रति कृपालु बनें। इसमें हमें ईश्वर की पवित्र माता हमारी सहायता करें जो हर प्रकार के दोष और पाप से मुक्त हैं हर पापी के लिए कृपाओं की मध्यस्थता करनेवाली हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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