केन्द्रीय सरकार की खाद्य सुरक्षा कोष योजना का स्वागत
नयी दिल्ली, 20 मार्च, 2010 शनिवार (उकान) चर्च अधिकारियों ने भारत सरकार की उस योजना
का स्वागत किया है जिसके तहत् सरकार लोगों को भूखमरी से बचाने के लिये खाद्य सुरक्षा
कोष की स्थापना पर विचार कर रही है। न्याय एवं शांति के लिये बनी भारतीय धर्माध्यक्षीय
समिति के सचिव फादर नित्य सहायम ने कहा कि यद्यपि सरकार ने इस संबंध में देरी से कदम
उठाया है पर इसका स्वागत किया जाना चाहिये। फादर सहायम ने उकान समाचार के बताया कि
केन्द्र सरकार की योजना के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वालों के लिये एक
कार्य योजना बनायी गयी है जिसके तहत् एक केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा कोष बनाया जायेगा। इस
योजना के अनुसार प्रत्येक परिवार को 3 रुपये प्रति किलो की दर से 25 किलोग्राम चावल या
गेहूँ दिया जायेगा। ग़ौरतलब है कि कई परिवारों के लिये तीन रुपये जुटाना भी आसान नहीं
है। खाद्य और कृषि मंत्री शरद पवार ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी आशा है कि सरकार
इस विधेयक संसद में पारित कर देगी। फादर सहायम ने कहा यह एक ‘राष्ट्रीय शर्म की बात’
कि बिल को प्रस्तावित करने में सरकार ने इतनी देर कर दी। विदित हो कि 1 मार्च को कपुचिन
फादर नित्य ने लोगों को भोजन के अधिकार संबंधी जानकारी देने के लिये एक प्रशिक्षण किट
का विमोचन किया। फादर सहायम ने कहा कि सरकार परमाणु शक्ति सम्पन्न बनने के लिये बहुत
ज़्यादा खर्च करती है पर देश की ग़रीब जनता को नज़रअंदाज़ कर देती है। उन्होंने इस
बात की भी जानकारी दी कि भारतीय खाद्य निगम प्रत्येक वर्ष अपने भंडार में बहुत अन्न इकट्ठा
करती है पर उचित वितरण के अभाव में प्रत्येक वर्ष अनेक लोगों की मृत्यु हो जाती है।
भारतीय धर्माध्यक्षीय समिति के प्रवक्ता बाबू जोसेफ ने भी सरकार द्वारा प्रस्तुत
विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि यह भूखमरी दूर करने की दिशा में एक मह्त्त्वपूर्ण कदम
है।