बोसनिया एर्जेगोविना के मेडजूगोर में मरियम दर्शन की प्रामाणिकता की जाँचपड़ताल के लिये
एक अन्तरराष्ट्रीय अध्ययन आयोग की स्थापना की गई है।
वाटिकन प्रेस ने एक वकतव्य
जारी कर उक्त आयोग की स्थापना की पुष्टि की और घोषित किया कि इटली के कार्डिनल कामिल्लो
रूईनी आयोग की अध्यक्षता करेंगे। इसके सदस्यों में परमधर्मपीठीय विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त
परिषद के विशेषज्ञ तथा कुछ धर्माध्यक्ष होंगे। इनमें वियेना के कार्डिनल क्रिस्टोफ शॉर्नबोर्न
का नाम लिया जा रहा है जिन्होंने इस वर्ष पहली जनवरी को मेडजूगोर की तीर्थयात्रा कर इस
आयोग की स्थापना का सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें से आग्रह किया था।
विगत 19 वर्षों
से मेडजूगोर तीर्थयात्रियों एवं जिज्ञासु व्यक्तियों के आकर्षण के साथ साथ विवाद का भी
केन्द्र रहा है। सन् 1981 के जून 24 को छः बच्चों ने मेडजूगोर में, बाहों में शिशु को
लिये, एक सुन्दर युवती को देखकर उनमें मरियम को पहचाना था। दर्शन पानेवालों का कहना है
कि उस दिन के बाद से उन्होंने मरियम को कई बार देखा तथा यदा कदा उनसे बातें भी की हैं।
मोस्तार धर्मप्रान्त के धर्माधिकारियों के संशय के बावजूद सम्पूर्ण यूरोप से लाखों की
तादाद में तीर्थयात्री मेडजूगोर पर श्रद्धा अर्पित करने पहुँचते रहे हैं।