2010-03-15 12:49:34

रोमः काथलिक-लूथरन समारोह में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने ख्रीस्तीय एकता पर बल दिया


रोम स्थित लूथरन ख्रीस्तीय समुदाय के गिरजाघर की भेंट कर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार को प्रभु ख्रीस्त के सभी अनुयायियों के बीच पूर्ण एकता का आह्वान किया।

गिरजाघर में एकत्र लगभग 350 लूथरन ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा कि काथलिक एवं प्रॉटेस्टेण्ट धर्मानुयायियों को, अन्तर-ख्रीस्तीय वार्ता की धीमी गति पर शिकायत करने के बजाय, अब तक हासिल एकता के बिन्दुओं पर विचार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह सच है कि वार्ता की मन्द गति के लिये दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं किन्तु यथार्थ एकता की स्थापना, मानव नहीं, केवल ईश्वर कर सकते हैं।

ग़ौरतलब है कि अनेक प्रॉटेस्टेण्ट धर्माधिकारी एवं धर्मतत्ववैज्ञानिक यह आरोप लगाते रहे हैं कि सन्त पापा बेनेडिक्ट के कुछ विचारों के कारण ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक वार्ता धीमी हुई है। उनका आरोप है कि बेनेडिक्ट 16 वें बारम्बार एकमात्र काथलिक कलीसिया के विचार पर बल देते रहे हैं मानो अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों का महत्व कम हो। इसके अतिरिक्त, उनकी यह भी शिकायत है कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें कलीसिया से अलग हुए रूढ़िवादी दलों के प्रति संवेदनशील रहे हैं तथा उन्हें पुनः कलीसिया में लाने का प्रयास करते रहे हैं।

सन्त पापा बेनेडिक्ट ने अपने सन्देश में परामर्श दिया कि विभाजित करनेवाले बिन्दुओं पर ध्यान देने के बजाय सभी ख्रीस्तीय धर्मानुयायी उन बिन्दुओं पर चिन्तन करें जो उन्हें जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, "मैं सोचता हूँ कि सर्वप्रथम हमें धन्यवाद देना चाहिये क्योंकि हममें इतनी अधिक एकता है कि हम एक साथ प्रार्थना कर सकते, ईश वचन पर चिन्तन कर सकते तथा एकप्राण होकर ईश्वर का गुणगान कर सकते हैं।"









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