मानव की प्रसन्नता ओर परिपूर्णता आर्मिक स्वतंत्रता पर निर्भर करती है।
न्याय और शांति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव महाधर्माध्यक्ष मारियो तासो ने कहा
कि मानव की प्रसन्नता ओर परिपूर्णता आर्मिक स्वतंत्रता पर निर्भर करती है। उन्होंने यह
भी जोड़ा कि धर्म के सार्वजनिक महत्व और मूल्य को मान्यता दी जानी चाहिए। परमधर्मपीठीय
लातेरन विश्वविद्यालय में धार्मिक स्वतंत्रता विषय पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने
बल दिया कि धर्म के दुरूपयोग और किसी भी रूप में धर्म का जोड़तोड़ किये जाने का दृ्ढृतापू्र्वक
निन्दा की जानी चाहिए। महाधर्माध्यक्ष तासो ने कहा कि जहाँ भी धार्मिक स्वतंत्रता के
सामने खतरा है या इसका हनन होता है, लोगों के बीच भेदभाव किया जाता है, धार्मिक मान्यताओं
के कारण उन पर अत्याचार किया जाता है और जीवन संबंधी आवश्यक वस्तुओं से वंचित किये जाते
हैं वहाँ हमें धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा और प्रसार करने की जरूरत है। धर्म के सार्वजनिक
मह्त्व और मूल्य को मान्यता देने करने की जरूरत है अर्थात नागरिक नैतिकता को मजबूत करने
और शुद्धीकरण करने की इसकी भूमिका को मान्यता दें। महाधर्माध्यक्ष तासो ने कहा कि मानवाधिकारों
की सार्वभौमिक उदघोघणा की वर्षगाँठ का समारोह हमें अवसर देता है कि महान धर्मों की समझ
अंतरराष्ट्रीय सामाजिक व्यवस्था की पुष्टि करने के लिए महान योगदान दे सकता है जो मानव
प्रतिष्ठा तथा मूलभूत अधिकारों और आजादी को पूरी तरह मान्यता प्रदान करने के विचार पर
आधारित है। महाधर्माध्यक्ष तासो ने कहा कि महान धर्मों के मूल्यों और सिद्धान्तों, विवेक
और अनुभवों के योगदान के बिना यथार्य़ सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय व्यव्स्था का अस्तित्व
नहीं रह सकता है।